Chanakya Niti: पति-पत्नी कभी भी संबंध की इन 5 सीमाओं को न लांघे, आ सकती हैं दूरियां

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Chanakya Niti For Relationship: पति-पत्नी का रिश्ता एक नाजुक डोर से बंधा होता है। लंबे समय तक अगर आपको इस रिश्ते को बनाए रखना है, तो इसके लिए जरूरी है कि आप कुछ बातों पर ध्यान दें। खासतौर पर इस रिश्ते की गरिमा और मर्यादा का, जिससे भविष्य में आपको परेशानी न हो। आचार्य चाणक्य के अनुसार, शादीशुदा कपल अगर अपने रिश्ते की मर्यादा की सीमा को लांघ देते हैं, तो इससे उनका रिश्ता कमजोर होने लगता है। ऐसे में समय रहते अगर कपल ने उन बातों पर ध्यान नहीं दिया, तो हमेशा-हमेशा के लिए उनका रिश्ता टूट सकता है। चलिए जानते हैं उन जरूरी बातों के बारे में।

ईमानदारी
आचार्य चाणक्य ने अपने ‘नीति शास्त्र’ में बताया है कि पति-पत्नी का रिश्ता तभी तक मजबूत रहता है, जब उसमे ईमानदारी होती है। अगर एक बार ईमानदारी की सीमा को दोनों में से कोई भी पार्टनर पार कर देता है और रिश्ते में संदेह आ जाता है, तो इससे रिश्ता बिखरने लगता है। रिश्ते की नींव कमजोर हो जाती है, जिसे टूटने में ज्यादा समय नहीं लगता है।

झूठ
चाणक्य का मानना था कि किसी भी परिस्थिति में व्यक्ति को अपने पार्टनर से झूठ नहीं बोलना चाहिए। जो रिश्ते झूठ की नींव पर खड़े होते हैं, वह बहुत जल्दी डगमगाने लगते हैं। इसलिए अगर आपको भी अपने रिश्ते को मजबूत बनाना है, तो झूठ की सीमा को गलती से भी न लांघे।

समर्पण
शादीशुदा कपल के बीच सदा समर्पण का भाव होना चाहिए। अगर रिश्ते में समर्पण का भाव खत्म होने लगता है, तो इससे रिश्ता कमजोर होने लगता है, जिससे न चाहते हुए भी कपल के बीच दूरियां आने लगती हैं।

सम्मान
रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए दोनों में से किसी को कभी भी सम्मान की सीमा को नहीं लांघना चाहिए। आचार्य चाणक्य ने अपने ‘नीति शास्त्र’ में बताया है कि अगर पति-पत्नी को एक दूसरे के प्रति सम्मान नहीं है, तो इससे उनका रिश्ता ज्यादा समय तक चलता नहीं है।

आचार्य चाणक्य कौन थे?
आचार्य चाणक्य को देश का महान अर्थशास्त्री माना जाता है। वह एक अच्छे राजनेता होने के साथ-साथ रणनीतिकार और योग्य सलाहकार भी थे। उन्होंने मानव जीवन के कल्याण के लिए “चाणक्य नीति शास्त्र” की रचना की थी, जिसमें उन्होंने जीवन में आ रही तमाम परेशानियों से छुटकारा पाने के उपायों के बारे में बताया है।