छत्तीसगढ़ के कुछ खास जिलों को नक्सलियों से प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जिससे वहां के मूल निवासी, आदिवासी और ग्रामीण लोग हमेशा ही डरे रहते थे, लेकिन पुलिस के द्वारा इन क्षेत्रों में नक्सल विरोधी अभियान चला गया है, जिसमें इस शनिवार यानी 15 जून को 8 नक्सलियों को मार दिया गया, जिसमें से 6 वरिष्ठ रैंक के कैडर थे. इन नक्सलियों पर 48 लाख का इनाम था.
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के कुतुल-फरसबेड़ा और कोडतामेटा गांवों के पास के जंगल में सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों की मुठभेड़ हो गई, जिसमें 8 नक्सली को मार गिराया गया. पुलिस ने बताया कि इन नक्सलियों में से 6 वरिष्ठ रैंक के कैडर थे, जो कि पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की सैन्य कंपनी नंबर 1 और माड़ डिवीजन सप्लाई टीम के थे. इन सभी नक्सलियों पर लगभग 48 लाख रुपए का इनाम रखा गया था.
40 सालों में पहली बार लोग हुए भयमुक्त
बस्तर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस सुंदरराज पी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने बताया कि नारायणपुर पुलिस के ‘माड़ बचाओ अभियान’ (नक्सल विरोधी अभियान) की एक सप्ताह हफ्ते के अंदर यह दूसरी बड़ी सफलता है और 45 दिनों में चौथी बड़ी सफलता है. आगे उन्होंने कहा कि नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के लोग 40 सालों से नक्सली हिंसा से पीड़ित थे, लेकिन इस अभियान के बाद से लोग इन क्षेत्रों को नक्सलवाद मुक्त मान रहे हैं. उन्होंने सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों की मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की बात करते हुए बताया कि इनमें से वरिष्ठ रैंक के कैडर के जिन 6 नक्सलियों की मौत हुई है वे सभी माओवादियों की पीएलजीए कंपनी नंबर 1 में विभिन्न पदों पर सक्रिय थे, इन नक्सलवादियों की पहचान सुदरू, वर्गेश, ममता, समीरा, कोसी और मोती के तौर पर हुई है और उन्होंने बताया कि हर सभी पर 8-8 लाख का इनाम था, हालांकि इस मुठभेड़ में 2 अन्य लोगों की मौत हुई है लेकिन अभी उनकी पहचान नहीं हो पायी है.