छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग स्कैम मामलाः 140 करोड़ के घोटाले के आरोप में ED ने मार्कफेड के पूर्व MD मनोज सोनी को किया गिरफ्तार

Chhattisgarh Custom Milling Scam Case: ED arrested former Markfed MD Manoj Soni on charges of Rs 140 crore scam.
Chhattisgarh Custom Milling Scam Case: ED arrested former Markfed MD Manoj Soni on charges of Rs 140 crore scam.
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रायपुर: छत्तीसगढ़ में अब ED ने कस्टम मिलिंग स्कैन मामले में मार्कफेड के पूर्व MD को हिरासत में लिया है। 140 करोड़ के स्कैन मामले में ED की टीम ने मनोज सोनी को गिरफ्तार कर दफ्तर लेकर पहुंची है। मनोज सोनी को पहले कस्टम मिलिंग स्कैन मामले में पूछताछ के लिए EOW के दफ्तर बुला गया था। जहां से पूछताछ के बाद ईडी की टीम सोनी को हिरासत में लेकर सब जोनल ऑफिस लेकर पहुंची हुई है। स्कैम को लेकर ईडी का मानना है कि इसमें 140 करोड रुपए की अवैध वसूली की गई है। इस अवैध वसूली में अफसर से लेकर मिलर्स एसोसिएशन के कई पदाधिकारी शामिल हैं। ईडी की माने तो मनोज सोनी से पूछताछ में कस्टम मिलिंग मामले से जुड़ी कई जानकारी सामने आ सकती है। साथ ही इस मामले में कई सहयोगियों तक ED को पहुंचने में आसानी हो सकती है।

2 साल से चल रहा था खेल
अब तक ईडी की पूछताछ में जानकारी निकाल कर सामने आई है कि इसमें मनोज सोनी और उनके सहयोगियों के द्वारा पिछले दो सालों से यह पूरा खेल चल रहा था। इस पूरे स्कैम के खेल में एक टीम बनाई गई थी यह टीम मार्कफेड के अफसर और छत्तीसगढ़ स्टेट इन मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी की थी। इसमें आरोपी है कि कस्टम मिलिंग, डीओ काटने, मोटा धान को पतला, पतले धन को मोटा करने, एफसीआई के नान में कन्वर्ट करने का यह पूरा पैसा लिया जाता था। अब इस मामले में ईडी ने मार्केट के पूर्व एमडी मनोज सोनी को गिरफ्तार कर लिया‌ है, जिनसे मामले में पूछताछ की जाएगी।

140 करोड़‌ का घोटाला
ED ने अपनी जांच में अब तक यह पाया है कि अधिकारियों की मिली भगत से कस्टम मिलिंग का यह पूरा खेल चला है। जिसमें सभी अधिकारियों को मनोज सोनी के द्वारा निर्देशित किया जाता था। इसमें राइस मिलर्स के बिल का कब भुगतान किया जाना है उनसे कब वसूली होनी है इन सभी के बारे में अब तक की पूछताछ में जानकारी निकलकर आई है। इसके साथ ही किन राइस मिलर्स को कब भुगतान किया जाएगा, इसकी जानकारी संबंधित जिले के राइस मिलर्स एसोसिएशन के जरिए पहले ही प्राप्त हो जाती थी। अधिकारियों और मिलर्स एसोसिएशन की टीम इस पूरे खेल को खेलने का काम कर रही थी। ईडी का मानना है कि इस पूरे खेल में 140 करोड़‌ रुपए का घोटाला किया गया है।