Chhattisgarh Election: छत्तीसगढ़ में तीसरा मोर्चा बिगड़ सकता है सियासी समीकरण , कहां खड़े हैं अमित जोगी?

Chhattisgarh Election: Third Front in Chhattisgarh may worsen the political equation, where does Amit Jogi stand?
Chhattisgarh Election: Third Front in Chhattisgarh may worsen the political equation, where does Amit Jogi stand?
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Chhattisgarh Election Results: छत्तीसगढ़ समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम कल रविवार यानि 3 दिसंबर को आएंगे। इससे पहले 30 नवंबर को आए एग्जिट पोल सर्वे ने असमंजस बढ़ा दिया है। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच कांटें की टक्कर है,लेकिन बहुमत कांग्रेस के पास ही होगा। इस बीच चर्चा इस बात की भी है कि सरकार के गठन में नई छोटे दलों की भी भूमिका भी हो सकती है।

छत्तीसगढ़ में तीसरे मोर्चे की उपस्थिति

छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय दल राष्ट्रीय दलों की राह का रोड़ा बनाकर खेल बिगाड़ सकते हैं। यहाँ कई दल मिलकर थर्ड फ्रंट की भूमिका में हैं। छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसी) यानि जोगी कांग्रेस के हमर राज पार्टी, जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी, बसपा, आप जैसे छोटे दल, और कुछ मजबूत निर्दलय प्रत्याशी भी चुनौती पेश कर रहे हैं। मान लीजिये अगर तीसरे मोर्चे पर तैनात प्रत्याशी कामयाब होते हैं ,तो बड़े दलों का समीकरण बिगड़ सकते हैं।

जोगी कांग्रेस की भूमिका हो सकती है अहम

हालांकि एग्जिट पोल सर्वे में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आराम से चुनाव जीतती दिख रही है, फिर भी 1 से 5 सीटों पर अन्य को जीत हासिल हो सकती है। रोचक बिंदु यह है कि तमाम सर्वे ने भाजपा और कांग्रेस के बीच सीटों का अंतर इकाई में ही बताया है, यानि किसी भी स्थिति में दोनों राष्ट्रीय दलों के बीच 9 से अधिक सीटों का अंतर नहीं होगा। ऐसे में तीसरे मोर्चे के तौर पर सक्रिय राजनितिक दलों में नेतृत्वकर्ता के तौर पर किसी एक दल की भूमिका महत्त्वपूर्ण हो जाएगी।

2018 के विधानसभा चुनाव में उभरी थी जोगी पार्टी

इस बीच चर्चा है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में तीसरे मोर्चे के तौर अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराने वाली जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़( जोगी) कहा है। इस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी पहले कांग्रेसी हुआ करते थे। उन्होंने 2016 में छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री और अपने पिता अजीत जोगी के साथ कांग्रेस से अलग होकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ नाम के क्षेत्रीय दल का गठन किया और बसपा के साथ एलांयस करके 2018 विधानसभा चुनाव लड़ा।
जनता ने अजीत जोगी का चेहरा देखकर जोगी कांग्रेस को 5 और बसपा को 2 सीटें दी थीं। छत्तीसगढ़ में विशाल बहुमत के साथ कांग्रेस सरकार आ गई और साल 2020 में अजीत जोगी का निधन हो गया।

एग्जिट पोल से गायब,क्या परिणाम में होगा चमत्कार?

पिता के निधन के बाद अमित जोगी ने अपनी माता रेणु जोगी को पार्टी का सुप्रीमो बनाया और खुद प्रदेश अध्यक्ष बन गए। इस बार उन्होंने भाजपा और कांग्रेस से अंसतुष्ट कई पूर्व दिग्गजों, पूर्व विधायकों को चुनावी मैदान में उतरा है,जबकि वह खुद पाटन विधानसभा से सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। अब यह तथ्य दिलचस्प है कि चुनावी मैदान में चिन्हित मौजूदगी के बावजूद तमाम एग्जिट पोल ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के संदर्भ में कोई भविष्यवाणी नहीं की है। ऐसे में इस बात का जवाब कल ही मिल पायेगा कि आने वाले समय में जोगी कांग्रेस का अस्तित्व कायम रहेगा कि नहीं। क्योंकि 2018 में इस दल से विधायक बने नेता अब भाजपा या कांग्रेस में हैं और अमित जोगी को छोड़कर जाने वालों की कमी नहीं रही है। बहरहाल इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि भाजपा और कांग्रेस के बागी नेताओं के साथ चुनाव लड़ रही जोगी कांग्रेस कोई अप्रत्याशित नतीजे ले आये।