स्वर्ण मंदिर में योग के बाद सिख धर्मगुरु के RSS कैंप में जाने पर विवाद, मांगनी पड़ी माफी

Controversy over Sikh religious leader visiting RSS camp after doing yoga at Golden Temple, had to apologize
Controversy over Sikh religious leader visiting RSS camp after doing yoga at Golden Temple, had to apologize
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कुरुक्षेत्र। योग दिवस के मौके पर स्वर्ण मंदिर में गुजरात की एक महिला अर्चना मकवाना ने योगासन किए थे। इसे लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने ऐतराज जताया था और इसे सिखी के खिलाफ बताते हुए केस भी दर्ज करा दिया था। इस मामले में अर्चना ने माफी मांग ली थी, लेकिन इसके बाद भी ऐक्शन की मांग हो रही है। अब हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक सिख धर्मगुरु के आरएसएस के कार्यक्रम में जाने पर विवाद हो गया है। उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और सिख पंथ के कुछ लोगों की ओर से सवाल उठाए जाने लगे। इसके चलते कुरुक्षेत्र के गुरुद्वारा उदासीन ब्रह्म अखाड़ा साहिब के बाबा गुरविंदर सिंह को माफी मांगनी पड़ी है।

अकात तख्त के जत्थेदार को लिखी चिट्ठी में बाबा गुरविंदर सिंह ने कहा कि मेरे से अज्ञानता के चलते यह गलती हुई है। उन्होंने लिखा, ‘मैं हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक स्कूल के कार्यक्रम में गया था। मुझे यह जानकारी नहीं थी कि यह आरएसएस का कार्यक्रम है, जो 23 जून, 2024 को आयोजित हुआ था। मुझे वहां पहुंचने पर पता चला कि यह आरएसएस का आयोजन है। मेरा उनसे कोई रिश्ता नहीं है।’ उन्होंने कहा कि मैं भविष्य में ऐसी कोई गलती नहीं करूंगा। बाबा गुरविंदर ने कहा, ‘मैं और हमारा पूरा स्थान श्री अकाल तख्त साहिब को समर्पित है। मैं ऐसा कोई काम भविष्य में नहीं करूंगा, जिससे पंथ को चोट पहुंचती हो।’

बाबा गुरविंदर सिंह ने कहा कि एक अज्ञानी और अकिंचन सिख होने के चलते मुझे माफ कर दिया जाए। अकाल तख्त की ओर से मुझे जो भी आदेश दिया जाएगा, वहां मैं हाजिर रहूंगा। संघ सूत्रों का कहना है कि आरएसएस का शिविर कुरुक्षेत्र के एक स्कूल में लगा था। इस शिविर का समापन कार्यक्रम 23 जून को था, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर बाबा गुरविंदर सिंह को बुलाया गया था। कार्यक्रम को वीडियो भी वायरल है, जिसमें बाबा गुरविंदर सिंह संघ के स्वयंसेवकों को सिखों का इतिहास बताते हुए प्रोत्साहित करते हैं। बाबा गुरविंदर सिंह की तस्वीरें और वीडियो आने के बाद सोशल मीडिया पर सिखों का एक वर्ग उन्हें ट्रोल कर रहा था। अंत में उन्होंने माफी ही मांग ली है।

वीडियो जारी करके भी दी सफाई, बोले- 24 साल की तपस्या है

सिख धर्मगुरु ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने सफाई दी है। बाबा गुरविंदर सिंह ने कहा कि मैंने 24 सालों तक खालसा पंथ की सेवा की है। यदि इन 24 सालों में मेरा कोई भी काम अकाल तख्त के खिलाफ रहा हो तो कोई चौराहे पर आवाज देकर मुझे गोली मार सकता है। यही नहीं मैंने यदि इस दौरान कभी आरएसएस के एजेंट के तौर पर काम किया हो तो भगवान मुझे माफ नहीं करेंगे।