![Dalit from Uttarakhand gets place in PM Modi's cabinet, Ajay Tamta becomes minister again due to 4 reasons Dalit from Uttarakhand gets place in PM Modi's cabinet, Ajay Tamta becomes minister again due to 4 reasons](https://aajkinews.net/wp-content/uploads/2024/06/Screenshot_278.jpg)
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देहरादून: अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से सांसद अजय टम्टा एक बार फिर छिपे रुस्तम साबित हुए। दरअसल, ऐसे चार कारण है जिनकी वजह से टम्टा, कई बड़े चेहरों और दावेदारों को पीछे छोड़ते हुए मंत्री पद की दौड़ में बाजी मार गए।
1 उत्तराखंड से केंद्रीय मंत्रिमंडलमें दलित को प्रतिनिधत्व
अजय टम्टा को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देकर भाजपा हाईकमान ने जातीय समीकरणों को साधाने की कोशिश कीहै। देश में भाजपा हर हाल में दलित, पिछड़ा वर्ग के वोट बैं को अपने साथ जोड़े रखना चाहती है।
दरअसल, इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने संविधान और आरक्षण के मुद्दों को लेकर भाजपा पर निशाना साधा था। ऐसे में टम्टा को मंत्री बनाकर भाजपा ने अपनी ‘मंशा’ का संदेश देने का भरसक कोशिश की है।
2 जीत की हैट्रिक और मतों का लगातार बढ़ता अंतर
आम चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करने वाले अजय टम्टा, इस बार उत्तराखंड के पांचों सांसदों में ऐसे अकेले हैं, जिनकी जती का अंतर पिछली बार से बढ़ा है। इसके विपरीत अन्य सांसदों की जीत का अंतर इस बार कम हुआ है।
3 मुख्यमंत्री धामी से टम्टा के अच्छे रिश्ते
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अजय टम्टा की नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। साथ ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में भी उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है। मुख्यमंत्री धामी ने लोकसभा चुनाव के दौरान टम्टा की जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी।
4 सौम्यता के चलते भाजपा हाईकमान की गुडबुक में शामिल
केंद्रीय मंत्रिमंडल में दूसरी बार स्थान पाने वाले टम्टा हाईकमान के भरोसेमंद नेताओं में शुमार हैँ। चुनाव पूर्व जब अल्मोड़ा संसदीय सीट टिकट के लिए दावेदारी का दौर चल रहा था, सौम्य व्यवहार की पहचान रखने वाले टम्टा तब भी भाजपा के अनुशासित सिपाही होने का ही दावा करते रहे। पार्टी हाईकमान के प्रति अपनी निष्ठा दिखाते हुए उन्होंने कहा था कि पार्टी जिसे भ्ज्ञी उम्मीदवार बनाएगी, उस की जीत के लिए वह पूरा दमखम लगाएंगे।