युवाओं में बढ़ती नपुंसकता से डॉक्टर चिंतित, …कंट्रोल गड़बड़ाया

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फास्ट फूड, कोल्डड्रिंक्स और एल्कोहल से मूत्राशय में मूत्र धारण करने की क्षमता घट रही है। इससे बार-बार पेशाब आना, जलन, दर्द की दिक्कत हो रही है। पेशाब लीक होने का भी खतरा है। डॉक्टर इसे ओवर एक्टिव ब्लैडर (अति सक्रिय मूत्राशय) बीमारी कहते हैं। इससे पीड़ित करीब 20 फीसदी युवा हैं।

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में नार्थ जोन यूरोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया की दो दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने इस पर चिंता जताई। उद्घाटन प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने किया। सचिव डॉ. ऋषि नैय्यर ने कहा कि सामान्य रूप से 400 मिली मूत्र जमा होने पर पेशाब त्यागते हैं।

जंक-फास्ट फूड, पैकेट बंद भोजन, रंग-बिरंगे शीतलपेय, एल्कोहल में हानिकारक तत्वों से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। मूत्राशय अधिक सक्रिय हो जाता है। ऐसी स्थिति में 50-60 एमएल मूत्र जमा होते ही त्यागने की इच्छा होती है।

संक्रमण होने से मूत्राशय का कैंसर भी बढ़ा है। मेरठ के डॉ. सुभाष यादव ने कहा कि इस बीमारी में बार-बार पेशाब जाना, पेशाब नियंत्रण की क्षमता कम होना, पेशाब त्यागने पर दर्द और गति कम होना, जलन की परेशानी बढ़ रही है। मूत्राशय में 100-150 मिली मूत्र जमा होने पर इसे किसी कारणवश रोकना पड़ता है तो लीक भी हो रहा है।

उन्होंने कहा कि स्वस्थ दिनचर्या और दवाओं से मर्ज ठीक हो रहा है। महिलाओं में प्रसव, अनियंत्रित मधुमेह समेत अन्य वजह से यूरिन लीक की परेशानी होती है। इसमें थेरेपी और दवाओं का असर नहीं होने पर छोटी सर्जरी करनी पड़ती है। डॉ. पीपी सिंह, डॉ. शैलेंद्र गोयल, डॉ. विजय बोरा, डॉ. गौतम बांगा ने नई तकनीकी से 15 मरीजों के ऑपरेशन किए।

देर तक बैठने, धूम्रपान का भी प्रभाव
केजीएमयू के डॉ. विश्वजीत सिंह ने कहा कि धूम्रपान, देर तक बैठे रहना, फास्ट फूड और खराब फिटनेस से युवाओं में यौन समस्याएं भी बढ़ रही हैं। नपुंसकता के मामले भी बढ़ रहे हैं। मेरठ के ही डॉ. अनिल एल्हेंस ने कहा कि पौष्टिक आहार न खाने और खराब फिटनेस से रक्त का संचार प्रभावित होता है। नसें कमजोर होने लगती है। यौन क्षमता प्रभावित होती है। कामकाजी लोगों में ये परेशानी सबसे ज्यादा है।

पानी कम पीने से बढ़े पथरी के मरीज
एसएन के यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत लवानियां ने कहा कि पानी कम पीने, तंबाकू खाने और पसीना अधिक निकलने से पथरी के मरीज बढ़ रहे हैं। हाल में 20 फीसदी अधिक मरीज मिले हैं। खारा पानी, नमक अधिक खाना समेत अन्य वजह से भी पथरी अधिक हो रही है।

वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ. मधुसूदन अग्रवाल ने कहा कि रेट्रो ग्रेड इंट्रा रीनल सर्जरी से लेजर विधि से पथरी को तोड़कर उसका चूरा निकालकर साफ कर देते हैं। पहले ये चूरा मूत्र के जरिये धीरे-धीरे निकलता है।