बिहार में प्रचंड गर्मी के साथ बिजली बिल ने छुड़ाए लोगों के पसीने, स्मार्ट मीटर बना ‘हेलीकॉप्टर’!

Due to scorching heat in Bihar, electricity bill made people sweat, smart meter became 'helicopter'!
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पटना: राज्य में पड़ रही प्रचंड गर्मी ने बिहार में बिजली की खपत को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया है। बात अगर पिछले साल 2023 की करें और इस साल के अप्रैल से इसकी तुलना करें तो आप भी चौंक जाएंगे। इस अप्रैल पिछले साल के मुकाबले करीब 500 मेगावाट अधिक बिजली की खपत हुई है। यहां तक कि पीक आवर भी बढ़ गया है। बड़ी बात ये है कि अब दिन के जितनी बिजली खपत रात में भी हो रही है। इसकी एक वजह घरों में लगा एयरकंडीशनर भी है। हालांकि कई लोगों की शिकायत है कि जो एसी दिन भर में 9 घंटे चलने के बाद नॉर्मल मीटर में प्रति घंटे 1.5 यूनिट की खपत करता था, वही खपत स्मार्ट मीटर के हिसाब से 2 से 2.5 यूनिट प्रति घंटे हो गई है। उधर सरकार को बिजली की ज्यादा खपत के चलते बाजार से 500 से 700 मेगावाट अलग से खरीद करनी पड़ रही है।

गर्मी के साथ बिजली खपत ने छुड़ाए पसीने
कंपनी के अधिकारी बताते हैं कि अभी हर दिन औसत रूप से करीब 6,700 से 6,800 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है। एक स्थानीय अखबार के अनुसार बिजली विभाग के अफसरों के मुताबिक पहले पीक आवर शाम के 7 बजे से रात 11 बजे तक होता था। पीक आवर यानी वो घंटे जब बिजली की खपत ज्यादा होती है। लेकिन अब पीक आवर रात 8 बजे से शुरू हो रहा है। लेकिन ठीक रात के 10 बजे के बाद बिजली की खपत अचानक बढ़ जाती है। ये हाल राजधानी पटना से समेत करीब-करीब पूरे सूबे में रात के 2 बजे तक रहता है।

अकेले रात में ही बिजली की गजब खपत
प्रतिदिन 8 बजे रात से रात के 2 बजे तक 6600 मेगावाट से 6800 मेगावाट तक बिजली का कंजम्पशन हो रहा है। वैसे तो बिहार को केंद्रीय प्रक्षेत्र से जरूरत के हिसाब से बिजली मिल रही है। हालांकि, किसी दिन एक या दो यूनिट बंद होने पर कंपनियों को बाजार से बिजली खरीदनी पड़ती है। एक अनुमान के मुताबिक रोज औसतन 500 से 1000 मेगावाट तक बिजली की खरीद होती है।

अप्रैल में भीषण गर्मी भी बनी रिकॉर्ड खपत की वजह
इस साल अप्रैल में सूर्यदेव ने लोगों के छक्के छुड़ा रखे हैं। सुबह 10 बजते ही माहौल दोपहर जैसा हो जा रहा है। सिर्फ एक दिन की बात करें तो आंकड़े चौंकाने वाले हैं। इसी 16 अप्रैल को सूबे में 6,830 मेगावाट बिजली की खपत रिकॉर्ड की गई। ये खपत रात 8.30 से 9 बजे के बीच हुई। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर गर्मी यूं ही बढ़ती रही तो कुछ दिनों में ये नंबर भी पीछे छूट जाएंगे। अंदाजा है कि इस दफे बिहार में बिजली की खपत का मीटर 8 हजार मेगावाट पार कर सकता है।