ऐल्विश यादव की हींक भरेगी ईड़ी! बड़ी-बड़ी गाड़ियों और महंगे खर्चो का पैसा…

Elvish Yadav's asafoetida will be big! Money for big cars and expensive expenses...
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Elvish Yadav Case: बिग बॉस ओटीटी 2 विनर और यूट्यूबर एल्विश यादव की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गौतम बुद्ध नगर पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज सांपों के जहर सप्लाई मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है. दरअसल, एल्विश यादव को 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद कोर्ट ने एल्विश यादव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लुकसर जेल भेज दिया गया था. हालांकि, यूट्यूबर एल्विश यादव को इस मामले में 5 दिन बाद एक स्थानीय कोर्ट ने जमानत भी दे दी थी.

इस बीच प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी ने कहा है कि एजेंसी की लखनऊ यूनिट ने रैकेट में शामिल बड़ी मात्रा में धन को देखते हुए सांपों के जहर सप्लाई मामले में एल्विश यादव और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. उन्होंने कहा कि ईडी की टीम एल्विश यादव और पुराने मामले में शामिल अन्य लोगों से पूछताछ कर सकती है.

महंगी कारों के काफिले के बारे में भी जांच करेगी ED

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय की टीम यूट्यूबर एल्विश यादव के पास मौजूद महंगी कारों के काफिले के बारे में भी जांच करेगी. साथ ही एल्विश यादव के साथ-साथ बड़े होटल रिसॉर्ट्स और फार्म हाउस के मालिकों से भी पूछताछ होगी.

1,200 पेज की चार्ज शीट नोएडा पुलिस ने की दायर

यूट्यूबर एल्विश यादव पर केस दर्ज होने के लगभग 6 महीने बाद, 6 अप्रैल को गौतम बुद्ध नगर पुलिस ने इस मामले के संबंध में एल्विश यादव और 7 अन्य लोगों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत 1,200 पेज की चार्ज शीट कोर्ट में दायर की है. चार्जशीट में बताया गया कि कैसे सांपों की तस्करी की जाती थी और पार्टियों में उनके जहर का इस्तेमाल कैसे किया जाता था.

एल्विश ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बताया था फर्जी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चार्जशीट में नोएडा पुलिस की ओर से बताया गया है कि एल्विश यादव सांप संचालकों के संपर्क में था और पार्टी स्थल से एक जहरीला सांप और 20 मिलीलीटर करैत सांप का जहर बरामद किया गया था. हालांकि, इस मामले पर एल्विश यादव ने अपने ऊपर लगे आरोपों को “निराधार और फर्जी” बताया था, जिसके बाद में पुलिस ने यह कहते हुए उनके खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत आरोप हटा दिए कि यह उनकी तरफ से एक “गलती” थी.