मुजफ्फरनगर में प्रदूषण विभाग के आदेश से उद्यमियों में हड़कंप

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मुजफ्फरनगर ।आईआईए पदाधिकारी व पूर्व चेयरमैनों की एक बैठक आईआईए कार्यालय पर आयोजित की गई। जिसमें पॉल्यूशन विभाग द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों पर चर्चा की गई जिसमें एनसीआर क्षेत्र में आने वाले उद्योगों को 30. 09.2022 के बाद सिर्फ पीएनजी या बायोमास ईंधन प्रयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। आईआईए चेयरमैन विपुल भटनागर ने कहा कि मुजफ्फरनगर में उद्योगों के लिए यह असंभव है क्योंकि न तो मुजफ्फरनगर में अभी तक औद्योगिक क्षेत्र में पीएनजी का नेटवर्क है ना उपलब्धता है । पी एन जी के दाम वर्तमान में प्रयोग किए जाने वाले ईंधन से लगभग 3 गुना अधिक हैं। उदाहरण के लिए पेपर उद्योग में पेपर की कीमत का लगभग 20% इंधन का खर्च होता है पीएनजी पर यही खर्च 60% हो जाएगा जिससे उत्पाद की लागत अत्यधिक हो जाएगी। इसी प्रकार अन्य उद्योगों में भी पीएनजी पर उद्योग चलाना असंभव होगा। या तो यह नियम पूरे देश के लिए एक समान हो ,नहीं तो ख़ाली एनसीआर क्षेत्र में लागू किया जाना न्यायोचित नहीं है। छोटे जनरेटर भी 30-9- 2022 के बाद डीजल द्वारा संचालित नहीं किए जा सकेंगे। पीएनजी पर परिवर्तित कराने के लिए 100 किलो वाट तक के जनरेटर पर 6 से 10 लाख रुपए तक का खर्च आएगा जिसे छोटे उद्योगों द्वारा वहन कर पाना मुश्किल होगा। सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्योगों को इस नियम से अलग रखने की आइआइए ने मांग की है क्योंकि अभी तक संसाधन उपलब्ध ही नहीं है इसलिए प्रदूषण विभाग को उद्यमियों की समस्या को समझते हुए इन्हें इसको कम करने के उपाय बताने चाहिए व समय सीमा को कम से कम 2 से 3 वर्ष तक बढ़ाया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो एनसीआर क्षेत्र के लगभग सभी उद्योग खत्म हो जाएंगे। आगरा क्षेत्र की तरह मुजफ्फरनगर को भी पीएनजी पर छूट दी जानी चाहिए। चक्रधर केमिकल के मालिक नीरज केडिया जी व आईआईए सीईसी मेंबर ने कहा कि कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा उद्यमी की कार्यशील पूंजी को समय से पूर्व भुगतान करने पर जल्दी भुगतान करने की पेनल्टी के रूप में 24 लाख रुपए की मांग की जा रही है व उद्यमी के डॉक्युमेंट्स भी नहीं दे रहे हैं। जबकि दिए गए ऋण की वैधता जुलाई में पूरी हो चुकी है। कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा यह कृत्य नया नहीं है। इस प्रकार के अनेक उदाहरण है जो बैंक द्वारा अनैतिक मांग कर के लघु एवं मध्यम उद्योगों का उत्पीड़न किया जा रहा है। जिस कारण से उद्यमी अन्य बैंकों से भी लोन नहीं ले पा रहे हैं। विपुल भटनागर ने कहा कि इसकी शिकायत सक्षम अधिकारियों से की जाएगी।