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Pan Aadhaar Linking: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने टैक्सपेयर्स को अपने स्थायी खाता संख्या (पैन) को अपने आधार नंबर से जोड़ने के लिए 30 जून, 2023 तक का समय दिया है. सभी टैक्सपेयर्स के लिए लिंकिंग प्रक्रिया को पूरा करना अनिवार्य है क्योंकि किसी भी गैर-अनुपालन का मतलब होगा कि पैन 1 जुलाई, 2023 से निष्क्रिय हो जाएगा. वहीं प्रतिभूति बाजार में सभी लेनदेन के लिए पैन एकमात्र पहचान संख्या है, इसलिए पूंजी बाजार नियामक सेबी ने मौजूदा निवेशकों को भी प्रतिभूति बाजार में लेनदेन जारी रखने के लिए अपने पैन को आधार संख्या से जोड़ने का निर्देश दिया है.
पैन को आधार नंबर से जोड़ने का क्या औचित्य है?
आयकर विभाग ने ऐसे मामलों के सामने आने के बाद पैन को आधार से जोड़ने की घोषणा की, जहां एक व्यक्ति को कई स्थायी खाता संख्याएं आवंटित की गईं या एक से अधिक लोगों को एक पैन आवंटित किया गया. पैन डेटाबेस के डी-डुप्लीकेशन का एक मजबूत तरीका अपनाने के लिए आधार प्राप्त करने के पात्र करदाता के लिए पैन और आय रिटर्न के लिए आवेदन पत्र में अपना आधार दर्शाना अनिवार्य कर दिया गया था.
पैन को आधार से लिंक करने की जरूरत किसे है?
मार्च 2022 में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के जरिए जारी एक परिपत्र के अनुसार आयकर अधिनियम हर उस व्यक्ति के लिए अनिवार्य बनाता है, जिसे 1 जुलाई, 2017 को पैन आवंटित किया गया है, ताकि वह अपना आधार नंबर बता सके. आधार और पैन को लिंक किया जा सकता है. यह 30 जून, 2023 को या उससे पहले किया जाना आवश्यक है, अन्यथा पैन निष्क्रिय हो जाएगा.
पैन को आधार से लिंक करना किसे आवश्यक नहीं है?
– अस्सी वर्ष और उससे अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति.
– आयकर अधिनियम के अनुसार अनिवासी.
– ऐसा व्यक्ति जो भारत का नागरिक नहीं है.
पैन को आधार से लिंक नहीं किया तो क्या होगा?
अगर कोई व्यक्ति अपने पैन को आधार से लिंक करने में विफल रहता है, तो पैन निष्क्रिय हो जाएगा. ऐसे मामले में, व्यक्ति अपना पैन प्रस्तुत करने, सूचित करने या दर्शाने में सक्षम नहीं होगा और ऐसी विफलता के लिए आयकर अधिनियम के तहत सभी परिणामों के लिए उत्तरदायी होगा. ऐसे में व्यक्ति निष्क्रिय पैन का उपयोग करके आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएगा, लंबित रिटर्न पर कार्रवाई नहीं की जाएगी, लंबित रिफंड जारी नहीं किए जा सकते, दोषपूर्ण रिटर्न के मामले में लंबित कार्यवाही पूरी नहीं की जा सकती, ऊंची दर से कर कटौती की आवश्यकता होगी, व्यक्ति को बैंकों जैसे अन्य वित्तीय लेनदेन करने में कठिनाई हो सकती है.
सेबी ने भी किया अनिवार्य
पैन मुख्य पहचान संख्या है और प्रतिभूति बाजार में सभी लेनदेन के लिए केवाईसी आवश्यकताओं का हिस्सा है, सभी सेबी-पंजीकृत संस्थाओं और मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (एमआईआई) को सभी प्रतिभागियों के लिए वैध केवाईसी सुनिश्चित करना आवश्यक है. सभी मौजूदा निवेशकों को प्रतिभूति बाजार में निरंतर और सुचारू लेनदेन के लिए समय-सीमा के भीतर अपने पैन को अपने आधार नंबर से जोड़ना सुनिश्चित करना होगा.
पैन को आधार से कैसे लिंक करें?
कोई भी आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट http://www.incometax.gov.in पर उपलब्ध लिंक पर क्लिक करके पैन और आधार नंबर को लिंक कर सकता है.