लड़की हिंदू, सहेली मुस्लिम… कॉलेज में कहा, ‘इस्लाम सबसे अच्छा, छोड़ दो सनातन

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बॉलीवुड फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ जैसी ही एक कहानी देहरादून में सामने आई है। जहाँ थर्ड ईयर की हिंदू लड़की पर ‘इस्लाम’ का बखान कर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया गया और न मानने पर उसकी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी गई। ये आरोप लगे हैं लॉ स्टूडेट मुबीना यूसुफ पर, जो कश्मीरी मुस्लिम है। मुबीना ने हिंदू लड़की पर दबाव डाला कि वो धर्म परिवर्तन इस्लाम कबूल कर ले, क्योंकि वही सच्चा और सर्वश्रेष्ठ धर्म है और उसके परिचित कश्मीरी मुस्लिम लड़के से निकाह कर ले। वो युवक अमीर है और हिंदू लड़की को कोई परेशानी नहीं होने देगा। मुबीना इसके लिए ब्लैकमेलिंग भी कर रही थी और अपने द्वारा हिंदू लड़की की खींची गई आपत्तिजनक तस्वीरों को इसका हथियार बना रही थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़ित लड़की का नाम सरिता चौधरी (नाम परिवर्तित) है, जो साल 2021 से देहरादून के सिद्धार्थ लॉ कॉलेज में पढ़ती है। उसके साथ ही कश्मीर के अनंतनाग की रहने वाली मुबीना यूसुफ भी पढ़ती है। मुबीना यूसुफ और सरिता में अच्छी बनने लगी, तो मुबीना ने उसे बहकाने की कोशिश शुरू कर दी। वो उससे सनातन धर्म के बारे में उल्टी-सीधी बातें बोलती और कहती कि इस्लाम ही सच्चा धर्म है। वो सबसे अच्छा है। तुम इस्लाम अपना लो, तुम्हें जिंदगी भर कोई दिक्कत नहीं होगी। मैं तुम्हारी शादी अपने अमीर परिचित कश्मीरी लड़के से करा दूँगी, वो तुम्हारा ख्याल रखेगा।

लेकिन जब सरिता ने उसकी बातों को मानने से इनकार कर दिया, तो वो धमकाने पर उतर आई। यही नहीं, मुबीना ने कथित पर गुरुग्राम की जेल में बंद बदमाशों से भी सरिता को धमकी दिलवाई कि उसकी बात न मानने पर उसके साथ कुछ भी हो सकता है। मुबीना उससे बोलती थी कि अगर वो उसकी पसंद के लड़के से निकाह कर लेगी, तो वो फोटो डिलीट कर देगी। यही नहीं, वो पैसों की भी माँग करती थी।

माता-पिता को बदलते व्यवहार पर हुआ शक, तो हुआ मामले का खुलासा
बताया जा रहा है कि मुबीना सरिता के माता-पिता से बाकायदा परमिशन लेकर उसे अपने घर अनंतनाग लेकर गई थी, जहाँ दोनों दस दिन तक रहे। वहाँ मुबीना ने अपने मुस्लिम दोस्त के साथ मीटिंग करके उस पर निकाह करने का दबाव बनाने लगी। वापस आने के बाद लॉ की छात्रा डिप्रेशन में चली गई और घर से बाहर निकलने से डरने लगी। यहाँ तक ​​कि मुबीना की धमकियों के कारण उसने कॉलेज जाना भी बंद कर दिया। बाद में पीड़िता की माँ, जो पेशे से वकील हैं, को लड़की की आपबीती पता चली और उन्होंने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराने को कहा।

इस बारे में सरिता के माता-पिता ने भी मीडिया से बात की और बताया कि हमनें अपनी बच्ची के व्यवहार में बदलाव पाया। लेकिन जब बच्ची ब्लैकमेलिंग नहीं झेल पाई, तब जाकर हमसे पूरी बात बताई। इस मामले में परिवार ने देहरादून के रायपुर थाने में पुलिस से संपर्क किया और एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले में 10 जून 2024 को जबरन वसूली, आपराधिक धमकी और उत्तराखंड स्वतंत्रता अधिनियम-2018 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।