हिमाचल के मंदिरों में रखा सोना-चांदी सिक्कों में होगा तब्दील, खरीद सकेंगे श्रद्धालु

Gold and silver kept in Himachal temples will be converted into coins, devotees will be able to buy
Gold and silver kept in Himachal temples will be converted into coins, devotees will be able to buy
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शिमला। हिमाचल के प्रसिद्ध मंदिरों (Temples of Himachal) में पड़े अरबों रुपए के सोने चांदी (Gold and Silver) को अब सिक्कों में बदला जाएगा। जिन्हें श्रद्धालु खरीद सकेंगे। हिमाचल सरकार अब इस सोने चांदी के इस्तेमाल करने की योजना बना रही है। प्रदेश सरकार ने इसको लेकर सभी जिला के डीसी को निर्देश दिए हैं कि वह मंदिरों में रखे सोने-चांदी को सिक्कों (Coins) में बदलने के लिए केंद्र सरकार के एमएमटीसी (माइन एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन) के साथ एमओयू साइन करें। एमओयू साइन होने के बाद एमएमटीसी मंदिरों के सोने-चांदी को सिक्कों में बदलेगा और इन सिक्कों को बाद में मंदिर प्रबंधन श्रद्धालुओं (Devotees) को बेच सकेगा।

इन सिक्कों को बेचने से मंदिर प्रबंधन को काफी आमदनी होगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगले 5 से 6 माह में श्रद्धालुओं को मंदिरों में सिक्के मिलना शुरू हो जाएंगे। बताया जा रहा है कि एमओयू साइन (MOU Sign) होने के बाद मंदिरों में रखा सोना-चांदी दिल्ली स्थित एमएमटीसी (MMTC) कार्यालय भेजा जाएगा। जहां पर सिक्कों के वजन के हिसाब से कीमत तय की जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया कड़ी सुरक्षा में पूरी की जाएगी।

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बता दें कि हिमाचल सरकार (Himachal Govt) के अधीन 21 मंदिर हैं। इन मंदिरों में हर साल लाखों श्रद्धालु माथा टेकने आते हैं। यह श्रद्धालु मंदिरों में सोने चांदी का भी दान करते हैं। जिससे प्रदेश के मंदिरों में अब तक अरबों रुपए का सोना चांदी इक्ट्ठा हो गया है। इस सोने चांदी का कोई इस्तेमाल नहीं है। यह सोना चांदी मंदिर के स्टोरों में सालों से पड़ा हुआ है। एक अनुमान के अनुसार प्रदेश के मंदिरों में 10 क्विंटल से ज्यादा सोना और 160 क्विंटल से ज्यादा चांदी के भंडार हैं, जिन्हें अब प्रदेश सरकार सोने चांदी में बदलने की योजना बना रही है। जिससे मंदिर प्रबंधन (Temple Management) की आमदनी बढ़ेगी और हिमाचल के देवी देवताओं में आस्था रखने वाले लोग इन मंदिरों से सोने और चांदी के सिक्के ले सकेंगे। मंदिरों में रखा 50 फीसदी सोना-चांदी ही सिक्कों में कन्वर्ट किया जाएगा। इसके अलावा 20 फीसदी सोना चांदी मंदिर ट्रस्ट अपने इंटरनल यूज के लिए इस्तेमाल करेंगे। 20 फीसदी सोना चांदी रिजर्व में रखा जाएगा। शेष बचा सोना चांदी एसबीआई की गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत रिजर्व रखा जाएगा।

चिंतपूर्णी मंदिर में सबसे ज्यादा 1.98 क्विंटल सोना
हिमाचल के ऊना जिला में स्थित चिंतपूर्णी मंदिर में सबसे ज्यादा 1.98 क्विंटल सोना है, जबकि सबसे ज्यादा 72.92 क्विंटल चांदी नैना देवी मंदिर में है। इसी तरह नकद केश की बात करें तो बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट के पास सबसे ज्यादा 16.66 करोड़ रुपए हैं। वहीं ​​​​​​​चिंतपूर्णी मंदिर के पास 102 करोड़ रुपए की फिक्स डिपोजिट है। सभी मंदिरों के ट्रस्ट स्थानीय डीसी की अध्यक्षता में गठित है।