हिमाचल में महंगी पड़ेंगी चुनावी वादों की गारंटी, कर्ज में डूबे प्रदेश पर पड़ेगा 12000 करोड़ का अतिरिक्‍त बोझ

Guarantee of election promises will be expensive in Himachal, the debt-ridden state will have an additional burden of 12000 crores
Guarantee of election promises will be expensive in Himachal, the debt-ridden state will have an additional burden of 12000 crores
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शिमला: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दल लोगों को निश्शुल्क सुविधाएं देने की गारंटी दे रहे हैं या घोषणाएं कर रहे हैं। लेकिन, ये आने वाले समय में प्रदेश को महंगी पड़ेंगी। वित्त विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारियों के अनुसार इसके लिए सरकार को प्रतिमाह 1000 करोड़ या वार्षिक 12,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने होंगे। भाजपा सरकार 13 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट विद्युत प्रतिमाह निश्शुल्क दे रही है। इससे 96 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है। आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस अब तक 10 गारंटी दे चुकी है। इनके सत्ता में आने पर 300 यूनिट विद्युत निश्शुल्क देने पर 210 करोड़ रुपये व्यय होगा।

आम आदमी पार्टी ने 8.70 लाख बेरोजगारों को तीन हजार रुपये मासिक भत्ता देने का वादा भी किया है। इसे पूरा करने के लिए 270 करोड़ रुपये चाहिए होंगे। कांग्रेस ने 18 से 60 वर्ष आयु की महिलाओं को डेढ़ हजार रुपये मासिक देने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त कांग्रेस ने 10 रुपये किलो दूध व दो रुपये किलो गोबर खरीदने और आप ने निश्शुल्क शिक्षा व इलाज देने जैसी 10-10 गारंटी दी हैं। कुल मिलाकर इन चुनावी वादों को पूरा करने के लिए वार्षिक 12000 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त राजस्व जुटाना होगा।

हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्‍यक्ष सुरेश कश्‍यप का कहना है पार्टी ने कांग्रेस व आप तरह हवाई गारंटी देने की घोषणा नहीं की। 125 यूनिट बिजली निश्शुल्क की है, जिसका लाभ आर्थिक तौर पर अक्षम परिवारों को मिलेगा। कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी, कितने बेरोजगारों को भत्ता मिला। आम आदमी पार्टी की गारंटी पर कोई विश्वास करने वाला नहीं है।

कांग्रेस : 300 यूनिट विद्युत व महिलाओं को 1500 रुपये का वादा

कांग्रेस ने सत्ता में आने पर 300 यूनिट विद्युत निश्शुल्क और 18 से 60 वर्ष की महिलाओं को मासिक 1500 रुपये देने की गारंटी दी है।

दावा : वित्त प्रबंधन करेगी कांग्रेस

हिमाचल कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्‍यक्ष नरेश चौहान का कहना है सत्ता में आने पर कांग्रेस वित्त प्रबंधन करेगी। उदाहरण के तौर पर विद्युत परियोजनाओं से 12 प्रतिशत निश्शुल्क बिजली मिलती है, जिससे चार हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है। उसमें से 400 करोड़ रुपये 300 यूनिट निश्शुल्क विद्युत आपूर्ति के लिए रखे जाएंगे। इसी तरह से महिलाओं को मासिक 1500 रुपये देने के लिए प्रविधान किया जाएगा।

आप : 300 यूनिट विद्युत व 3000 रुपये बेरोजगारी भत्ते का वादा
आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने पर 300 यूनिट विद्युत निश्शुल्क, प्रत्येक बेरोजगार को प्रति माह 3000 रुपये भत्ते का वादा किया है।

दावा : भ्रष्टाचार बंद होने से बढ़ेगा राजस्व
आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश के अध्‍यक्ष सुरजीत ठाकुर का कहना है राज्य में भ्रष्टाचार की लीकेज बंद होने से जो अतिरिक्त राजस्व सरकार के खजाने में एकत्र होगा, उसको जनता की भलाई पर खर्च किया जाएगा। इस समय प्रदेश में मंत्री माफिया, खनन माफिया, शिक्षा माफिया व शराब माफिया सहित कई तरह के माफिया सक्रिय हैं। सारे माफिया पर नियंत्रण करने की जरूरत है।

क्या कहते हैं पूर्व अधिकारी
पूर्व आइएएस अधिकारी डा. दीपक सानन ने कहा राजनीतिक घोषणाएं करना आसान है, लेकिन इन्हें पूरा करना संभव नहीं। हिमाचल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्स के लिए एरियर का भुगतान करने के लिए पर्याप्त राशि जुटाना मुश्किल हो रहा है। आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के लिए हर माह एक से डेढ़ हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना आसान नहीं होगा।

पूर्व आइएएस अधिकारी डाक्‍टर अरुण शर्मा का कहना है चुनाव मजेदार खेल है, जोकि पूरी तरह से झूठ पर टिका होता है। सत्ता में आने के लिए राजनीतिक दल कुछ भी वादा करते हैं। हमें देखना चाहिए कि प्रदेश के पास आर्थिक संसाधन इतने हैं कि प्रदेश निश्शुल्क घोषणाओं का बोझ उठा सकता है या फिर पार्टी अपने कोष से यह देगी।

राज्य की आर्थिक स्थिति
वर्तमान वित्त वर्ष के लिए 51,365 करोड़ रुपये का बजट है। इसमें से 37,312 करोड़ रुपये आय है और व्यय 37034 करोड़ रुपये है। कुल मिलाकर सरकार की आर्थिक मोर्चे पर हालत चिंताजनक है। सामान्य तौर पर प्रदेश सरकार को प्रति वर्ष सात से नौ हजार करोड़ रुपये कर्ज उठाना पड़ता है। कुल ऋण 67,500 करोड़ रुपये पहुंच गया है। दिसंबर तक ऋण का आंकड़ा 70 हजार करोड़ रुपये को पार कर जाएगा।