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नैनीताल: उत्तराखंड में बंद पड़ी चारधाम यात्रा खुलने के आसार बढ़ गये हैं। सरकार की ओर से शुक्रवार को उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाते हुए कहा कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय में दायर विशेष याचिका को वापस ले लिया है। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान की अगुवाई वाली पीठ ने इस प्रकरण में 16 सितम्बर को सुनवाई करने को कहा है।
सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर आज अदालत में पेश हुए और उन्होंने अदालत को बताया कि शीर्ष अदालत की ओर से दायर विशेष याचिका को वापस लेने की अनुमति दे दी गयी है। सरकार की ओर से इस आशय का दस्तावेज भी अदालत को दिखाया गया। इसलिये राज्य की जनता एवं चारधाम यात्रा से जुड़े लोगों के हित में यात्रा पर लगी रोक को हटाया जाये। सरकार की ओर से अदालत से इस मामले में आज ही सुनवाई की मांग की गयी।
मगर अदालत ने सरकार की मांग को खारिज कर दिया। अदालत ने इस प्रकरण में सुनवाई के लिये 16 सितम्बर के लिए मुकर्रर की गयी है। श्री बाबुलकर ने आगे बताया कि सरकार की ओर से ठोस पैरवी कर यात्रा को शुरू करवाने के पूरे प्रयास किये जायेंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार की ओर से 1 जुलाई से चारधाम यात्रा को शुरू करने का मन बनाया गया था। कैबिनेट ने भी इसे हरी झंडी दे दी थी लेकिन उच्च न्यायालय ने कोरोना महामारी का हवाला देते हुए 28 जून को एक अंतरिम आदेश पारित कर सरकार के इस कदम पर रोक लगा दी थी।
इसके बाद प्रदेश सरकार की ओर से उच्च न्यायालय के फैसले को 6 जुलाई 2021 को विशेष याचिका के माध्यम से शीर्ष अदालत में चुनौती दी गयी लेकिन सुनवाई नहीं हो पाने के कारण मामला लटका रहा। सरकार का मानना है कि यात्रा शुरू नहीं होने से चारधाम यात्रा से जुड़े हजारों-लाखों लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है।
इससे पहले विगत आठ सितम्बर को भी सरकार की ओर से अदालत से इस मामले में सुनवाई का अनुरोध किया गया था। सरकार की ओर से अदालत को बताया गया था कि उसने शीर्ष न्यायालय में दायर विशेष याचिका को वापस लेने के लिये प्रार्थना पत्र दायर कर दिया है लेकिन तब अदालत ने सुनवाई से इनकार कर दिया था।