अररिया: बिहार में एक और पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया और उद्घाटन से पहले ही भरभराकर गिर गया. मंगलवार (19 जून) को अररिया के सिकटी में बकरा नदी पर बना पुल गिरकर ध्वस्त हो गया. इस तरह से 12 करोड़ रुपये पानी में बह गए. अब इस मामले में सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है और लापरवाही बरतने वाले सभी लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक, इस मामले में सरकार की ओर से चीफ इंजीनियर निर्मल कुमार की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया है. इसके अलावा सरकार ने ग्रामीण कार्य विभाग ने सहायक अभियंता अंजनी कुमार और जूनियर इंजीनियर मनीष कुमार को सस्पेंड कर दिया है.
इसके साथ ही ठेकेदार सिराजुद्दीन रहमान के खिलाफ FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि मंगलवार को पुल के 3 पिलर नदी में धंस गए और पुल गिर गया. जिसके बाद पुल निर्माण करने वाली एजेंसी के लोग और प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची. इस पुल के निर्माण को लेकर स्थानीय विधायक विजय कुमार मंडल व सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने काफी मेहनत की थी. इस पुल के निर्माण में शुरुआत से ही काफी बाधाएं आ रही थीं. जब यह पुल जब बनना शुरू हुआ तो नदी का मार्ग बदल गया और दूसरा किनारा काफी दूर हो गया.
इसके बाद 12 करोड़ की लागत से नदी को किनारे तक को जोड़ने के लिए फिर से पुल का निर्माण शुरू हुआ था. लेकिन विभागीय लापरवाही व संवेदक की अनियमितता पूर्वक कार्य के कारण मंगलवार को पुल भरभराकर गिर गया. इस पुल को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मंत्रालय से जोड़कर देखा जाने लगा था. इन सब चर्चाओं के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि बिहार के अररिया में दुर्घटनाग्रस्त पुलिया का निर्माण केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत नहीं हुआ है. बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत इसका काम चल रहा था.