चीन का बढ़ता खतरा या कुछ और…? जानिए सेना ने अचानक क्‍यों दिया 2,000 ड्रोन का ऑर्डर

Growing threat of China or something else...? Know why the army suddenly ordered 2,000 drones
Growing threat of China or something else...? Know why the army suddenly ordered 2,000 drones
इस खबर को शेयर करें

नई दिल्‍ली: भारतीय सेना ने करीब 2,000 ड्रोन का ऑर्डर दिया है। इनमें से कुछ का इस्‍तेमाल फॉर्वर्ड पोस्‍ट पर महत्‍वपूर्ण सप्‍लाई पहुंचाने के लिए किया जाएगा। बाकी के ड्रोन सर्विलांस के काम में लगाए जाएंगे। द टेलीग्राफ ने ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट स्मित शाह के हवाले से बताया है कि इसके लिए कई मैन्‍यूफैक्‍चरर्स ने बोली लगाई है। इस ऑर्डर को जल्‍द से जल्‍द पूरा करना है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख और हाल में अरुणाचल प्रदेश में झड़प के बाद इनकी सख्‍त जरूरत महसूस की जा रही है।

लद्दाख में चीन की पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने फॉर्वर्ड एरिया में अपने सैनिकों की संख्‍या बढ़ाई है। आक्‍साई चिन में उसने कई हेलीपैड तैयार करने के साथ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर बढ़ाया है। डेमचोक और गलवान जैसे तनावपूर्ण क्षेत्रों में भी उसकी गतिविधियां लगातार तेज हैं। इसे देखते हुए चीन के हर कदम पर नजर रखना जरूरी हो गया है। हेलीपैडों ने चीन के लिए अपने सैनिकों को ज्‍यादा तेजी से फॉर्वर्ड पोजिशन पर भेजना आसान कर दिया है।

कहां-कहां इस्‍तेमाल होंगे ड्रोन?
करीब 400 ड्रोनों को लॉजिस्टिकल सपोर्ट के लिए खरीदा जा रहा है। वहीं, 1,500 को अलग-अलग सर्विलांस कामों की खातिर लिया जाएगा। लॉजिस्टिक्‍स के लिए इस्‍तेमाल किए जाने वाले ड्रोन 5 किलो से 40 किलो तक का वजन ले जा सकते हैं। मुख्‍य रूप से इनका काम फॉर्वर्ड पोस्‍ट में सैनिकों को अलग-अलग तरह की सप्‍लाई पहुंचाना होगा। ये ड्रोन 5 किमी से 20 किमी तक की दूरी तय करेंगे।

ड्रोन का बढ़ा है जंगों में इस्‍तेमाल
ड्रोन ऊंचाइयों पर उड़ सकें यह सुनिश्चित करने के लिए टेस्‍ट किए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए लद्दाख में कई प्रमुख बेसेज और फॉर्वर्ड पोस्‍टों की ऊंचाई 12,000 फीट से 15,000 फीट है। भारतीय वायुसेना का सबसे ऊंचाई पर बना बेस दौलत बाग ओल्‍डी 18,000 फीट पर है। वहां लैंड होने वाले एयरक्रॉफ्ट अपना इंजन चालू रखते हैं। वे जमीन पर सिर्फ करीब 15 मिनट रह सकते हैं।

जून 2020 में लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद भारत की ड्रोन खरीदने की रफ्तार में तेजी आई है। पिछले एक साल में रूस-यूक्रेन युद्ध में ड्रोन से हमले रोज की बात हो गए हैं। दोनों देशों की जंग में यूक्रेन रूसी सैनिकों को निशाना बनाने के लिए ड्रोनों का इस्‍तेमाल कर रहा है। रूस भी यूक्रेन पर हमलों के लिए ऐसा ही करता है।