तेज गर्मी में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा, इन लक्षणों को इग्नोर करने की ना करें गलती

Heatwave: Danger of brain stroke in extreme heat, do not make the mistake of ignoring these symptoms
Heatwave: Danger of brain stroke in extreme heat, do not make the mistake of ignoring these symptoms
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भारत के कई राज्यों में तेज गर्मी पड़ना शुरू हो गया है. अधिकतर जगहों पर तापमान लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में जहां लोग लू के प्रकोप से परेशान हो रहे हैं, वहीं डॉक्टरों का कहना है कि तीव्र गर्मी ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ा सकती है. ब्रेन स्ट्रोक एक जानलेवा स्थिति है, जिसमें दिमाग तक खून का फ्लो रुक जाता है या दिमाग की नसें फट जाती हैं. इससे दिमाग के सेल्स को डैमेज पहुंचता है, जो शरीर के विभिन्न कार्यों को प्रभावित करती है.

डॉक्टरों के अनुसार, तेज गर्मी के दौरान शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है. इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे नसों में थक्के जमने का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही, शरीर निर्जलीकरण का भी शिकार हो सकता है, जिससे खून का गाढ़ापन बढ़ जाता है और खून का फ्लो धीमा हो जाता है. ये दोनों स्थितियां ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं.

गर्मी में होने वाले ब्रेन स्ट्रोक के कुछ लक्षण
– अचानक तेज सिरदर्द
– शरीर के एक हिस्से में कमजोरी या सुन्न होना, खासकर चेहरे, हाथ या पैर में
– बोलने में परेशानी होना या बोलने में अस्पष्टता
– दृष्टि संबंधी समस्याएं, जैसे एक आंख में धुंधलापन या दोहरी दृष्टि
– चक्कर आना, असंतुलन या समन्वय की कमी
– अचानक बेहोशी

अगर आपको या आसपास किसी को गर्मी में ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं. ब्रेन स्ट्रोक एक समय पर निर्भर बीमारी है, यानी जितनी जल्दी इलाज मिलता है, उतना ही कम नुकसान होता है.

गर्मी में ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानी
– दोपहर के समय जब सूरज की तीव्रता सबसे ज्यादा होती है, तब सीधे धूप में निकलने से बचें.
– पूरे दिन पानी पीते रहें ताकि शरीर डिहाइड्रेट न हो.
– हल्के और ढीले कपड़े पहनें. ढीले और हल्के सूती कपड़े पहनने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है.
– एसी वाले कमरे में रहें जितना हो सके. खासकर बुजुर्गों और बीमार लोगों को धूप से बचने और एसी वाले कमरे में रहने की सलाह दी जाती है.
– एसी का तापमान अचानक कम न करें. एयर कंडीशनर का तापमान अचानक कम करने से भी शरीर को नुकसान पहुंच सकता है. तापमान को धीरे-धीरे कम करें.