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जम्मू-श्रीनगर: तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद पाकिस्तान का अपना दूसरा घर बताए जाने से ही भारत के लिए खतरे के संकेत मिल गए थे। पाकिस्तान को तालिबानी समर्थन मिलने से उसके आतंक को भी बढ़ावा मिला है। ऐसे में अब पाकिस्तान नए साजिशें रचते हुए जम्मू-कश्मीर में अशांति और आतंक फैलाने के लिए भरसक प्रयास करेगा। इस बीच कई दफा ड्रोन से हथियार गिराने के भी कई किस्से सामने आए हैं।
पाकिस्तान के इन नापाक इरादों को ध्यान में रखते हुए घाटी में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों, जिनमें सीआरपीएफ(CRPF) और बीएसएफ(BSF) जैसे बड़े अर्धसैनिक बल मिलकर तैयारियों में जुटे हैं। लेकिन अब उनकी ही सुरक्षा का खतरा उत्पन्न हो गया है।
श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर’ रूट पर रोक
सूत्रों से सामने आई जानकारी में बताया गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 31 अगस्त के बाद ‘दिल्ली-श्रीनगर-दिल्ली’ और ‘श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर’ रूट पर एयर कूरियर सर्विस (सस्पेंशन) रोक दी है।
बता दें, जब दो साल पहले ‘पुलवामा’ में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। फिर उसके बाद जम्मू-कश्मीर में जवानों के सड़क मार्ग से गुजरने वाले ‘काफिले’ पर रोक लगा दी गई थी। और सुरक्षा बलों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हवाई मार्ग से आने-जाने की सुविधा प्रदान की गई थी।
ऐसे में केंद्रीय सुरक्षा बलों के सूत्रों का ये कहना है, हवाई सेवा को 31 अगस्त 2021 के बाद जारी रखने की मंजूरी नहीं मिल सकी है। इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्रालय को पहले ही अवगत करा दिया गया था। मंत्रालय के अधिकारियों को यह सूचना दे दी गई थी कि हवाई सेवा की पांच माह की मंजूरी अवधि 01 अप्रैल 2021 से 31 अगस्त 2021 को खत्म हो रही है। 31 अगस्त के बाद एयर कूरियर सर्विस बंद हो जाएगी।
आगे उन्होंने बताया कि आगे की अवधि की एक्सटेंशन के लिए गृह मंत्रालय को लिखा गया था। यह एक्सटेंशन सात महीने की अवधि के लिए यानी एक सितंबर से लेकर 31 मार्च 2022 तक दी जानी थी। अगर टेंडर प्रक्रिया की अवधि पहले खत्म हो जाती है तो एयर कूरियर सर्विस भी उसी समय से बंद मानी जाएगी। देश के बड़े अर्धसैनिक बल की तरफ से मंत्रालय को इस बाबत को लेकर दो बार सूचित किया गया। पहली बार तीन अगस्त 2021 को इजाजत के लिए आवेदन पत्र गृह मंत्रालय के पास भेजा गया था।
जिसमें से भेजे गए पहले पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। क्योंकि ये मामला केंद्रीय बलों के जवानों की सुरक्षा से जुड़ा हुआ था, इसलिए सुरक्षाबल इसे लेकर कोई लापरवाही या ढिलाई नहीं बरतना चाहते थे।
जिससे फिर 24 अगस्त को दोबारा से गृह मंत्रालय को सूचित किया गया है कि एयर कूरियर सर्विस को आगे की अवधि के लिए स्वीकृति प्रदान की जाए। इसके बाद 31 अगस्त बीत गया, लेकिन फाइल को मंजूरी नहीं मिल सकी। मजबूरन, सुरक्षा बलों को यह आदेश निकालना पड़ा कि अब ‘दिल्ली-श्रीनगर-दिल्ली’ और ‘श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर’ रूट पर एयर कूरियर सर्विस रोक दी गई है। जिसके चलते 1 सितंबर 2021 से आगामी आदेशों तक यह सेवा बंद रहेगी।
वहीं सुरक्षा बलों के एक अधिकारी बताते हैं कि इस मामले में गृह मंत्रालय के अधिकारी बड़ा जोखिम मोल ले रहे हैं। उन्हें ये मालूम होना चाहिए कि पुलवामा हमला कैसे हुआ था। सुरक्षाबलों के ‘काफिले’ पर वैसे हमले न हों, इसलिए उन्हें हवाई मार्ग से आने-जाने की सुविधा प्रदान की गई थी। तभी से इस सेवा को आगे बढ़ाया जाता रहा है। बीएसएफ को इस सेवा की नोडल एजेंसी बनाया गया था।
इस बारे में मंत्रालय के सूत्रों का कहना है, इस बाबत आला अफसरों की तरफ से ही सर्कुलर जारी करने का आदेश नहीं मिला है। वे इससे ज्यादा कुछ नहीं बता सकते हैं। दूसरी तरफ, अब जवानों को आने जाने में सुरक्षा जोखिम के अलावा अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। ट्रेन सेवाएं अभी पूरी तरह चालू नहीं हुई हैं। कश्मीर तक कोई सीधी गाड़ी नहीं है। सबसे ज्यादा खतरा भी इसी रूट पर है। यहां आईईडी, हैंड ग्रेनेड, ड्रोन और आत्मघाती हमले का अलर्ट बना रहता है। फिलहाल आतंकियों की नापाक गतिविधियों को देखते हुए अलर्ट जारी है।