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शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने ऑल इंडिया परमिट पर्यटक वाहनों पर विशेष पथकर 3,000 से घटाकर 500 रुपये रोजाना कर दिया है। लेकिन प्रदेश के पर्यटक वाहनों पर सालाना विशेष पथकर करीब 6 गुना बढ़ा दिया है। सरकार के फैसले का जहां बाहरी राज्यों के ट्रेवल एजेंट स्वागत कर रहे हैं वहीं, प्रदेश के पर्यटक वाहन संचालकों ने नाराजगी जाहिर की है। सरकार ने 1 सितंबर से विशेष पथकर की दरें 3,000 से 6,000 रुपये रोजाना लागू कर दी थीं। ऐसे में बाहरी राज्यों के ट्रेवल एजेंटों ने हिमाचल का बहिष्कार करना शुरू कर दिया था। पंजाब के ट्रेवल एजेंटों ने तो बार्डर सील करने की धमकी दी थी। दुर्गा पूजा के दौरान पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा।
प्रदेश में पंजीकृत पांच सीटों से कम क्षमता वाले व्यावसायिक वाहनों को 1350 रुपये के बजाय 8000, पांच सीटर से अधिक और 10 सीटर से कम क्षमता वाले वाहनों को 800 की जगह 2,000, 10 सीटर से अधिक, 23 सीटर से कम वाले वाहनों पर 1,000 की जगह 3,000, 23 सीटर से अधिक क्षमता वाले वाहनों को 1500 के बजाय 5000 रुपये प्रति सीट पथकर देना होगा।
बाहरी राज्यों के लिए कटौती के बाद नई दरें
13 से 22 सीटर 500 रोज, तीन दिन का 1,000, हफ्ते का 2000 रुपये और 23 सीटर से अधिक – 1500 रोज, तीन दिन का 3000, हफ्ते का 6000 रुपये देने होंगे।
अधिसूचना जल्द वापस न ली तो करेंगे आंदोलन
टूरिस्ट वाहन संचालक पहले ही कोरोना और प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे हैं उस पर अब सरकार ने 6 गुना टैक्स का बोझ डाल कर कमर तोड़ दी है। ऑल हिमाचल कामर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन राजेंद्र ठाकुर, अध्यक्ष मकरध्वज शर्मा, महासचिव संदीप कंवर, सह सचिव मदन लाल और कानूनी सलाहकार नरेश ठाकुर ने कहा है कि अगर सरकार ने अधिसूचना जल्द वापस न ली तो हम आंदोलन करेंगे।