अडानी मामले में सेबी के नोटिस पर भड़का हिंडनबर्ग, कोटक बैंक को भी लपेटा

Hindenburg got angry on SEBI's notice in Adani case, Kotak Bank also got involved
Hindenburg got angry on SEBI's notice in Adani case, Kotak Bank also got involved
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नई दिल्ली। अडानी के साम्राज्य को हिलाने वाली अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च को सेबी ने 46 पेज का कारण बताओ नोटिस भेजा है। इसको लेकर फर्म ने सेबी को ही कठघरे में खड़ा करते हुए उस पर धोखेबाजों को बचाने का आरोप मढ़ दिया। बता दें जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर स्टॉक मैनिपुलेशन से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लगाए थे। इसे लेकर ही यह नोटिस दिया गया है।

हिंडनबर्ग ने यह खुलासा करते हुए कहा कि सेबी ने उसे एक लेटर भेजा है, जिसमें पिछले साल अडानी ग्रुप के खिलाफ उसके शॉर्ट बेट पर संदिग्ध उल्लंघनों को रिविल्ड किया गया है और खुलासा किया है कि यह अपने ट्रेड पर “मुश्किल से ही ब्रेक ईवन से ऊपर आ सकता है”।

रॉयटर्स के मुताबिक हिंडनबर्ग ने यह भी कहा कि कोटक बैंक, एक भारतीय फर्म ने एक ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर बनाया और उसकी देखरेख की, जिसका उपयोग उसके “इन्वेस्टर पार्टनर” ने ग्रुप के खिलाफ दांव लगाने के लिए किया। इससे ट्रेड्स के नए डिटेल्स सामने आए, जिसने निवेशकों को हैरान कर दिया है। फर्म ने कहा हमारी रिपोर्ट के बाद, हमें बताया गया कि सेबी ने पर्दे के पीछे ब्रोकर्स पर अडानी के शेयरों में शॉर्ट पोजीशन्स को बंद करने का दबाव डाला। इससे खरीदारी का दबाव बना और अडानी ग्रुप के शेयरों को मदद मिली।

शॉर्ट-सेलर फर्म ने यह भी कहा कि उसने उस इन्वेस्टर रिलेशनशिप से अडानी शॉर्ट्स से संबंधित गेन के माध्यम से 4.1 मिलियन डॉलर का ग्रास रेवेन्यू प्राप्त किया और अडानी के यूएस बॉन्ड की अपनी शॉर्ट पोजीशन के माध्यम से केवल 31,000 डॉलर कमाए। इसने निवेशक का नाम नहीं बताया।

कारण बताओ नोटिस डराने-धमकाने का प्रयास सेबी के कारण बताओ नोटिस को डराने-धमकाने का प्रयास बताते हुए हिंडनबर्ग ने लिखा कि रेगुलेटर ने “अस्पष्ट आरोप” लगाया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में पाठकों को गुमराह करने के लिए गलत बयान शामिल हैं। क्या आप जानते हैं? केवल 5% भारतीय ही जानते हैं कि अपने पैसे का निवेश कैसे करना है।

हिंडनबर्ग ने कहा, “हमारे विचार में, सेबी ने अपनी जिम्मेदारी को नजरअंदाज कर दिया है, ऐसा लगता है कि वह धोखाधड़ी करने वालों को बचा रहा है।” पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने रेगुलेटर को आरोपों की जांच करने के लिए कहा था, इसके बाद सेबी ने “हमारी रिपोर्ट की कई महत्वपूर्ण जानकारियों पर सहमति जताई। बाद में, सेबी ने कहा कि वह आगे की जांच करने में असमर्थ है।”

रिपोर्ट के बाद हिल गया था अडानी का साम्राज्य सेबी के नोटिस के खुलासे से पिछले साल शुरू हुई कहानी में एक नया मोड़ आ गया है, जब नाथन एंडरसन द्वारा स्थापित हिंडनबर्ग ने अडानी पर अनुचित लेन-देन का आरोप लगाया था। रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के मार्केट कैप में 150 अरब डॉलर तक का नुकसान हुआ। हालांकि, उस झटके से अब अडानी ग्रुप उबर चुका है।

हिंडनबर्ग फाइल करेगा आरटीआई बिजनेस स्टैंडर्ड की खबरों के मुताबिक हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह एक सूचना का अधिकार अप्लीकेशन फाइल करेगा ‘जिसमें सेबी के कर्मचारियों के नाम मांगे जाएंगे, जो अडानी और हिंडनबर्ग मामलों पर काम कर रहे थे। साथ ही सेबी और अडाणी और उसके विभिन्न प्रतिनिधियों के बीच बैठक और कॉल का विवरण भी मांगा जाए