- धधक रहे हिमाचल के जंगल : अब तक 1100 जगह लगी आग - June 1, 2024
- हिमाचल के सीएम की अपील, दलबदलुओं को हराने के लिए वोट करें - June 1, 2024
- उत्तराखंड में भीषण गर्मी की क्या वजह? मैदानी शहरों के साथ पहाड़ भी बुरी तरह तपे - June 1, 2024
नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन के युद्ध के बीच इस वक्त रूसी सेना और यूक्रेनी सैनिकों के बीच कांटे की टक्कर चल रही है. हालांकि दुनिया यूक्रेनी सैनिकों की बहादुरी की जमकर तारीफ कर रही है. करीब 8 महीने से रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. इस बीच कई बार रूस ने यूक्रेन को पटखनी देने की कोशिश की. लेकिन यूक्रेनी सैनिक डटे रहे और रूसी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया है. सितंबर के महीने से यूक्रेनी सैनिकों ने पलटवार करना शुरू कर दिया है. खारकीव सहित कई इलाकों से रूसी सैनिकों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है. हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों रूसी सेना के मुकाबले यूक्रेनी सैनिक ज्यादा बेहतर है.
साल 2014 में जब रूस ने यूक्रेन से क्रीमिया को हथिया लिया था, तब रूस के पास अच्छी सेना थी. लेकिन आठ साल बाद पासा पलटता हुआ नजर आ रहा है. इसके कई कारण है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन को अमेरिका, यूरोप सहित कई देशों ने आधुनिक हथियार सौंपें हैं. बेहतर युद्ध प्रशिक्षण मुहैया कराया है. साथ ही यूक्रेन की सेना का मनोबल रूसी सैनिकों से ज्यादा बेहतर नजर आ रही है. यूक्रेन की खुफिया एजेंसियों को अमेरिकी से लगातार मदद मिल रही है.
खारकीव सहित कई क्षेत्रों से रूसी सैनिक पीछे हटे
यूक्रेन की सेनाएं सितंबर से तेजी से युद्ध लड़ रही हैं और राजधानी कीव व खारकीव सहित कई क्षेत्रों से रूसी सैनिकों को खदेड़ दिया है. शनिवार को रूस से क्रीमिया को जोड़ने वाले पुल पर भी धमाका हुआ. वहीं बीते गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि जब पुतिन परमाणु हमले की चेतावनी दे रहे हैं तो वो मजाक नहीं कर रहे हैं. क्योंकि उनकी सेना बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रही है. रूसी सेना के खराब प्रदर्शन के चलते आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.
यूक्रेनी सैनिक पहले से अधिक मजबूत
रूसी सैन्य मंत्रालय के नजदीकी लोगों का कहना है कि वो युद्ध की शुरुआत से ही यूक्रेन के अधिक विकसित कमांड ढांचे की पहचान कर रहे हैं. वहीं रूसी सेना के ब्लॉगर भी इस बीच यूक्रेनी सेना की छोटी मोबाइल यूनिट्स से होने वाले हमलों को लेकर परेशान हैं. साल 2015 की हार के बाद यूक्रेन ने फिर से अपनी सेना को खड़ा किया. रूस कई सालों से यूक्रेन को सेना विहीन बनाने की योजना बना रहा है. लेकिन जब पुतिन ने इस साल युद्ध की शुरुआत की तब यूक्रेन में उसका सामना ऐसी सेना से हुआ, जो पहले से कहीं अधिक मजबूत थी. बता दें कि यूक्रेन की सेना में अब सबसे निचले स्तर पर भी फैसले लिए जाने का अधिकार है.