राजस्थान में नकलचियों की आई शामत, लगेगा ₹100000000 जुर्माना

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नई दिल्ली. राजस्थान सरकार ने नकल रोकने को लेकर बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने परीक्षाओं में धोखाधड़ी और अन्य कदाचार को रोकने के लिए 1992 के बिल में संधोधन कर विधेयक विधानसभा में पेश कर दिया है. ऐसे में सरकारी परीक्षा में धोखा देने और नकल करने वालों को 10 साल तक की जेल और 10 करोड़ रुपए का जुर्माना देना पड़ सकता है.

बिल राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र सिंह यादव ने पेश किया है. विधेयक में संपत्तियों की कुर्की और जब्ती का प्रावधान है. इसमें किसी भी प्रकार के अनुचित साधनों में शामिल अधिकारियों, परीक्षार्थियों और अन्य कर्मियों के लिए भी दंड का प्रावधान है.

यहां जानें विधेयक से जुड़ी बड़ी बातें..
– यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी सरकारी परीक्षा में नकल कराते पकड़ा जाता है या फिर साजिश में लिप्त पाया जाता है, तो उस पर 10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है. साथ ही उसे 10 साल के लिए जेल भी भेजा जा सकता है.

– एग्जाम के दौरान यदि आयोग की परीक्षा में बैठने वाला कोई परीक्षार्थी अनधिकृत सहायता लेने वाले किसी व्यक्ति से अनधिकृत सहायता लेते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे तीन साल तक की जेल और कम से कम 1 लाख रुपये के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है.

– साथ ही धोखाधड़ी में शामिल व्यक्ति को किसी भी सरकारी एग्जाम में 2 साल तक नहीं बैठने दिया जाएगा.

आपको बता दें कि राजस्थान की तरफ से रीट के 32000 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा बीते महीने आयोजित की गई थी. लेकिन पेपर और नकल की वजह से इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. अब यह परीक्षा दोबारा होगी. पेपर आउट होने के बाद से ही अभ्यर्थी और विपक्ष कानून बनाने की मांग कर रहा था, जिसके बाद गहलोत सरकार ने यह फैसला लिया है.