![In Bihar, people are blaming each other for the defeat! Know whose boat was ruined by the traitors In Bihar, people are blaming each other for the defeat! Know whose boat was ruined by the traitors](https://aajkinews.net/wp-content/uploads/2024/06/Screenshot_63.jpg)
पटना: लोकसभा चुनाव 2024 का रिजल्ट आन के बाद सरकार भी बन गई। मगर, इस चुनाव में हार का मलाल लिए प्रत्याशियों की पीड़ा निकलनी शुरू हो गई है। क्या सत्ता और क्या विपक्षी दल, हार का ठीकरा एक-दूसरे के ऊपर सभी फोड़ने में लगे हैं। दरअसल, चुनाव के बाद हार जीत की समीक्षा एक आम प्रक्रिया है। ये इसलिए भी कि चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन का प्लस और माइनस बातें आ सके। बिहार के कुछ दल हैं, जो हार जीत का समीक्षा बैठक कर चुके हैं और कुछ करने वाले हैं। इस खास घड़ी में कुछ प्रत्याशियों ने हार के कारणों को सार्वजनिक भी किया।
भाजपा ने हराया: जेडीयू कैंडिडेट मुजाहिद
किशनगंज के जदयू प्रत्याशी मुजाहिद आलम चुनाव में स्थानीय भाजपा के पदाधिकारियों पर भीतरघात का आरोप लगाया। उनका कहना है कि भाजपा नेताओं ने मिल कर मुझे हरा दिया। 29 तारीख को दिल्ली में होने वाली जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ये गुब्बार फूटेगा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने 400 पार का नारा दिया था लेकिन किशनगंज में मेरे खिलाफ स्थानीय भाजपा काम कर रही थी। इसमें केंद्र के एक बड़े भाजपा नेता का हाथ है। कभी वे विधायक भी थे, उनकी पत्नी विधानसभा चुनाव हारती रही हैं। भाजपाइयों को खतरा था कि यहां से जीत जाते तो जनता दल यूनाइटेड का लीडरशिप स्थापित हो जाएगा। इसलिए मुझे हराया गया। इन लोगों ने ऐसा माहौल बनाया कि रातोंरात वोटों का ध्रुवीकरण हो गया और मैं हार गया।
सभी जानते हैं, मैं क्यों हारा: उपेंद्र कुशवाहा
एकमात्र काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा जब चुनाव हार गए, तब उनके साथ हुई भीतरघात की चर्चा हुई। इस चर्चा में पवन सिंह का नाम सामने आया। हालांकि, उपेंद्र कुशवाहा ने सीधे तौर पर किसी पर भी आरोप नहीं मढ़ा। मगर, उन्होंने ये जरूर कहा कि सोशल मीडिया का जमाना है, लिहाजा सभी को सब कुछ पता है। वो (पवन सिंह) कोई फैक्टर थे या नहीं। वो खुद चुनाव लड़े या उनको लड़ाया गया, ये सब बताने की अब क्या जरूरत है क्योंकि सच्चाई हर किसी को पता है। इसलिए अब कुछ कहने की जरूरत नहीं है। चूक हुई या नहीं, ये सभी को पता है। फैक्टर बना या बनाया गया, ये भी सब जानते हैं।
भीतरघात से हुई हार: अखिलेश प्रसाद सिंह
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने ये स्वीकार किया कि भीतरघात की सूचना कुछ लोकसभा क्षेत्रों से मिली है। इस कारण कांग्रेस अपेक्षा के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई। चुनाव प्रचार के दौरान ही विभिन्न क्षेत्रों से भीतरघात की शिकायतें मिलने लगी थीं। तात्कालिक रूप से कोई कार्रवाई संभव नहीं थी, लेकिन अब जिला इकाइयों द्वारा भीतरघाती चिह्नित होने लगे हैं।
जिलाध्यक्ष ने नहीं किया सहयोग: अजीत शर्मा
भागलपुर के कांग्रेस प्रत्याशी अजित शर्मा ने जिलाध्यक्ष पर साथ नहीं देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल के साथ कुछ स्थानीय कांग्रेस पदाधिकारी मिल गए। अजीत शर्मा ने जिलाध्यक्ष परवेज पर तो सीधा निशाना साधा और साथ नहीं देने का आरोप मढ़ दिया।