![Inflation started increasing with the heat wave, food items became expensive, know when will the relief be available. Inflation started increasing with the heat wave, food items became expensive, know when will the relief be available.](https://aajkinews.net/wp-content/uploads/2024/05/Screenshot_7-9.jpg)
Food inflation : बढ़ती गर्मी के साथ खाने-पीने की चीजों की कीमत भी बढ़ने लगी है. लू के साथ थोक खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ गई है. आने वाले दिनों में महंगाई और बढ़ने की उम्मीद है. मई, जून में लू के चलते महंगाई बढ़ सकती है. ईंधन और बिजली के साथ-साथ खाद्य पदार्थों, खासकर सब्जियों, फलों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. खाने-पीने की चीजें महंगी होने से अप्रैल में थोक मुद्रास्फीति लगातार दूसरे महीने बढ़कर 1.26 फीसदी पर पहुंच गया. जबकि थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल 2023 में 0.79 फीसदी और मार्च 2024 में 0.53 फीसदी थी.
इक्रा ( ICRA) के मुताबिक जल्द खराब होने वाली चीजों की कीमत आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है. थोक खाद्य मुद्रास्फीति मई और जून में लू के कारण चिंता की वजह बनी रहेगी. इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने मंगलवार को कहा कि जल्द खराब होने वाली वस्तुओं की कीमतें बढ़ने की आशंका है.
बता दें कि अप्रैल में थोक खाद्य मुद्रास्फीति चार महीने के उच्चतम स्तर पर है. हालांकि, पिछले साल के उच्च आधार का प्रभाव जुलाई और अगस्त में रहेगा, लेकिन बाद के महीनों में मानसून की चाल कीमतों को तय करेगी. मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति अप्रैल में चार महीने के उच्चतम स्तर 7.74 प्रतिशत पर थी. अप्रैल, 2024 में खुदरा खाद्य मुद्रास्फीति भी 8.70 प्रतिशत के उच्चस्तर पर रही, जबकि अप्रैल, 2023 में यह 3.84 प्रतिशत थी. नायर ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति की दिशा तय करने में मौसम एक महत्वपूर्ण कारक है. उन्होंने कहा कि पिछले साल मानसून बहुत अनुकूल नहीं था और इस साल देश के कुछ हिस्सों में लू चल रही है. गर्मी की शुरुआत के साथ, जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं की कीमतें ऊपर की ओर बढ़ रही हैं. नायर ने अनुमान जताया कि अगले दो महीनों में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ेगी और फिर जैसे ही आधार प्रभाव सहायक हो जाएगा, इस साल जुलाई-अगस्त में अस्थायी रूप से गिरावट देखने को मिल सकती है.