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India Slams China Pakistan on CPEC in POK: भारत ने गुरुवार को चीन-पाकिस्तान को एक बार फिर जमकर लताड़ा है। 7 जून को बीजिंग में चीन-पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर एक साझा बयान दिया था। इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा। बता दें कि 7 जून को बीजिंग में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई थी।
बैठक के बाद जाॅइंट स्टेटमेंट जारी कर चीन ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में भारत की एकतरफा कार्रवाई के विरोध में है। भारत और पाकिस्तान के बीच इस मुद्दे को लेकर लंबे समय से विरोध रहा है। ऐसे में इस मसले को शांति से हल करने के लिए यूएन चार्टर और यूएन काउंसिल के प्रस्तावों के जरिए हल किया जाना चाहिए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 7 जून को द्विपक्षीय मीटिंग हुई थी।
पीओके में CPEC का विरोध कर रहा भारत
चीन के इस बयान पर भारत ने गुरुवार को टिप्पणी कर कहा कि किसी अन्य देश को जम्मू-कश्मीर के मसले पर दखलअंदाजी करने का अधिकार नहीं है। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि CPEC का कुछ काम पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में होना है। भारत इस क्षेत्र में हो रहे किसी भी काम का विरोध करता है। बैठक के दौरान चीन और पाकिस्तान से पीओके में चल रही परियोजनाओं को समय पर पूरा करने को लेकर सहमति जताई थी।
जानें क्या है CPEC
चीन-पाकिस्तान इकोनाॅमिक कोरिडोर शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजना है। इसकी शुरुआत 2013 में हुई थी। इस प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान के ग्वादर से चीन के काश्गर तक 3 लाख करोड़ रुपये की लागत से आर्थिक गलियारा बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के जरिए की चीन का सामान सीधे अरब सागर के जरिए अफ्रीकी और मध्य एशियाई देशों तक पहुंच सकेगा। CPEC के तहत चीन पीओके में सड़क, बंदरगाह, ऊर्जा और रेलवे के प्रोजेक्ट्स पर एक साथ काम कर रहा है।