बिहार में गायब हो गया लोहे का पुल, चोर इस तरकीब से उड़ा ले गए ब्रिज का आधा हिस्सा!

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Banka district Iron Bridge: बिहार के बांका में लोहा पुल में से लोहे की चोरी हो रही है. साल 2008 में लगभग 45 लाख की लागत से बना बेली ब्रीज, जिसका 40% लोहा आज चोरी हो चुका है. जी मीडिया में खबर आने के बाद प्रशासन शख्ती में आ चुका है. चांदन थाना पुलिस पुल व चोरों पर नजर रख रही है. ये बेली ब्रिज पुल निगम द्वारा बनाया गया था. अब बहुत ही जल्द इस लोहे के पुल का नीलामी हो जाएगी, ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं.
2008 में किया गया था पुल का निर्माण

बांका चांदन पंखंड के कांवरिया पथ मे झाझा बांध के पास बने बेली ब्रिज का उद्घाटन पथ निर्माण विभाग मंत्री डॉक्टर प्रेम कुमार और मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री राम नारायण मंडल की अध्यक्षता में 13 अगस्त 2008 को संपन्न हुआ था. विशिष्ट अतिथि गिरधारी यादव एवं सांसद राज किशोर प्रसाद भी मौजूद थे. लेकिन अब हालत ऐसी है कि इस बेली ब्रिज का लगभग आधा हिस्सा चोरों ने गायब कर लिया है.

बिहार के और कई जिले में कुछ दिन पहले पुल चोरी की एक घटना ने सबको चौंका दिया था. इस घटना के बाद तो बिहार में और कई जिलों से पुल का लोहा चोरी होने की बात सामने आई. अब बांका से ऐसी ही घटना देखने को मिल रही है, जहां चोरों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वो सरकारी संपत्ति पर अपना हाथ साफ कर रहे हैं. यहां भी चोर लोहे के पुल के टुकड़े-टुकड़े कर चोरी कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन को इसकी खबर तक नहीं थी. मीडिया में खबर आने के बाद प्रशासिनक अधिकारी पुद का जायजा लेने पहुंचे और चांदन थाना की सुरक्षा से लेकर चोरी पर कार्यवाही का आदेश दिया गया.

कैसे काटा पुल का लोहा?
यह लगभग 60 फीट लंबा लोहे का पुल है जो चोरों ने गैस कटर से काटकर गायब किया. बांका जिले के कांवरिया पथ पर 2008 में पथ निर्माण विभाग मंत्री डॉ प्रेम कुमार के कर कमलों द्वारा किया गया था. बिहार में अब लोहे के पुल पर चोरों की नजर पड़ गई है. पुल का अधिकतर भाग चोरी हो चुका है. अगर प्रशासन सतर्क नहीं हुआ तो पुल पूरी तरह गायब हो जाएगा. पुल चोरी की ये घटना बांका जिले के चांदन थाना क्षेत्र की है. जहां चोरों द्वारा पुल का आधा हिस्सा गैस कटर और अन्य सामग्री से गायब कर लिया गया है. लेकिन आज तक किसी पंचायत प्रतिनिधि या पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी तक नहीं थी.

आपको बता दें कि यह पुल कांवरिया पथ के झाझा और पटनियां धर्मशाला को जोड़ने के लिए बनाया गया था. दरअसल बिहार में आई भीषण बाढ़ के समय विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में कांवरिया को झाझा गांव से पटनियां धर्मशाला जाने के लिए एक बड़े पोखर के बीच से गुजरना पड़ता था. जिसमें अत्यधिक पानी होने के कारण कई बार घटनाएं भी हो जाती थीं, उसी वक्त से यहां एक पुल निर्माण की मांग चल रही थी. कांवरिया की सुविधा को देखते हुए तत्कालीन डीएम द्वारा बेली ब्रिज के तौर पर इस पुल का निर्माण कराया गया था. पुल निर्माण के बाद बाबा धाम की यात्रा में कांवरिया को काफी आसानी हो गई. बाद में नए कांवरिया पथ के निर्माण हो जाने के बाद यह पुल पूरी तरह बेकार पड़ गए, साथ ही साथ कुछ गांव तक आने जाने के लिए पक्के पुल का भी निर्माण कर दिया गया. उसके बाद से ही इस लोहे के पुल पर चोरों की नजर पड़ गई. पुल के साइड और फुटपाथ का ज्यादातर हिस्सा चोरी कर लिया गया है. जिसे अब पैदल चलना भी उस पुल पर मुश्किल हो गया है. ग्रामीणों का कहना है अब प्रशासन के सहयोग से ही इस बेली ब्रिज को बचाया जा सकता है.