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समान नागरिक संहिता (UCC) कानून को उत्तराखंड में 2024 के अंत तक लागू किया जा सकता है। अभी इसको अंतिम रूप दिया जा रहा है। UCC लागू होने के बाद राज्य में कई ऑनलाइन सुविधाएँ भी चालू की जाएँगी। राज्य में UCC लागू होने के बाद लिव इन रिलेशशिप के नियमों को कड़ाई से लागू किया जाएगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में UCC के विधानसभा से पास होने और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अब इसको अंतिम रूप से लागू करने पर काम चल रहा है। इसके लिए राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक पैनल काम कर रहा है। यह इसके नियमों को अंतिम रूप दे रहा है।
यह भी सामने आया है कि उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को ऑनलाइन इसका रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इससे उन्हें बार बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। राज्य में शादियों का भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो सकेगा।
उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद लिव इन में रहने वाले जोड़े अगर एक महीने के भीतर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं तो उन्हें ₹10,000 का जुर्माना या तीन महीने की जेल हो सकती है। इसके अलावा अगर वह तीन महीने तक ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें ₹25,000 का जुर्माना या 6 महीने की जेल हो सकती है।
इसके अलावा ऐसे 18-21 के बीच की आयु के जोड़ों के माता-पिता को भी उनके लिव इन में रहने की जानकारी भेजी जाएगी। सरकार का कहना है कि इससे उनके माता-पिता को इस विषय में सही जानकारी मिल सकेगी।
राज्य के मुख्य सचिव शत्रुघन सिंह ने बताया, “हम लोगों के लिए ऑनलाइन मोड के माध्यम से औपचारिकताओं को पूरा करना आसान बनाना चाहते हैं। हालाँकि, यह प्रक्रिया कठिन है क्योंकि सरकारी कर्मचारियों को इस मामले में सिखाने की जरूरत है। हम समय से पहले नियम बनाने और एक साथ प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।”
गौरतलब है कि उत्तराखंड की धामी सरकार ने फरवरी, 2024 में समान नागरिक संहिता (UCC) क़ानून को विधानसभा में लाई थी। यहाँ से यह बहुमत से पास हो गया था। इस कानून में शादी, तलाक, विरासत और लिव इन जैसे मुद्दों को लेकर सभी धर्मावलम्बियों के लिए लिए एक समान कानून बनाए गए हैं। उत्तराखंड UCC लागू करने वाला आजाद भारत का पहला राज्य बनेगा।