मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने सहमति से संबंध बनाने की आयु सीमा फिर 16 साल करने का अनुरोध किया

Madhya Pradesh High Court requests to increase the age limit for consensual relationship to 16 years
Madhya Pradesh High Court requests to increase the age limit for consensual relationship to 16 years
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ग्वालियर। ग्वालियर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि सहमति से संबंध बनान की उम्र को फिर से 18 साल से 16 साल कर दिया जाए, क्योंकि इंटरनेट के युग में युवक युवती जल्द जवान हो रहे हैं और एक दूसरे की तरफ आकर्षित होकर आपसी सहमति से संबंध बना रहे है। ऐसे मामलों में युवक को आरोपित नहीं माना जा सकता है। कोर्ट ने कहा है कि दिसंबर 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद यौन उत्पीड़न कानून को सख्त बनाने की दिशा में कई प्रयास किए गए हैं। इसी के तहत आइपीसी की धारा 375 (6) में बदलाव कर सहमति से संबंध बनाने की आयु 16 से बढ़ाकर 18 कर दिया गया था। लेकिन अब जरूरत इस उम्र को कम करके 16 साल कर दिया जाए। यह अनुरोध हाईकोर्ट ने छात्रा के साथ दुष्कर्म के आरोप में जेल बंद कोचिंग संचालक राहुल की याचिका की सुनवाई के बाद जस्टिस दीपक अग्रवाल ने किया है।

आरोपित राहुल ने दुष्कर्म की एफआईआर को निरस्त करने के लिए याचिका दायर की है। राहुल जुलाई 2020 से जेल में बंद है। इस मामले में बता दें कि कथित दुष्कर्म के चलते नाबालिग पीडि़ता गर्भवती हो गई थी और गर्भपात के लिए पिता ने हाई कोर्ट से गर्भ पात की अनुमति मांगी थी। इसके बाद कोर्ट ने गर्भपात की अनुमति सितंबर 2020 में दी थी।

यह कहा कोर्ट ने

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस दीपक अग्रवाल ने कहा कि इंटरनेट की वजह से आजकल 14-15 साल की उम्र में ही लड़का लड़की इंटरनेट मीडिया की वजह से जवान हो रहे है। ऐसे में वे एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो जाते हैं और सहमति से संबंध बना लेते हैं। ऐसे में युवा आरोपित नहीं है। यह केवल आयु का मामला है, जिसमें वे युवती के संपर्क में आए और शारीरिक संबंध स्थापित कर लिए, इसलिए कानून बनाने वालों ने सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए संबंध बनाने की आयु 16 साल रखी थी। लेकिन आजकल इन मामलों में लड़की की उम्र 18 से कम होती हैं। ऐसे में किशोरों व युवकों के साथ अन्याय हो रहा है। इसलिए सहमति से शरीरिक संबंध बनाने की आयु 18 से घटाकर 16 साल कर दी जाए, जिससे अन्याय न हो सके।