हिमाचल में सरकार बनने के 6 महीने बाद भी महिलाओं से किया ये वादा पूरा नहीं कर पाई कांग्रेस, पड़ सकता है भारी

Congress could not fulfill this promise made to women even after 6 months of formation of government in Himachal
Congress could not fulfill this promise made to women even after 6 months of formation of government in Himachal
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शिमला | Congress Gurantees Himachal: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान गारंटी शब्द जोर-शोर से गूंजा. हिमाचल कांग्रेस की 10 गारंटियों ने सत्ता परिवर्तन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यूं तो सत्ता पर काबिज होने के बाद कांग्रेस सरकार हर गारंटी पर काम करने की बात कर रही है. लेकिन ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली के बाद जिस गारंटी पर सबसे ज्यादा नजर है, वह अभी तक पूरी नहीं हो सकी है. कांग्रेस की गारंटी नंबर- दो, 18 से 59 साल की महिलाओं को हर महीने 1 हजार 500 रुपए देने की गारंटी खासी बड़ी थी. लिहाजा, इसका फायदा कांग्रेस को सीधे तौर पर चुनाव में मिला भी, लेकिन अब कांग्रेस सरकार वादाखिलाफी करती हुई नजर आ रही है.

सरकार के एक शब्द ने किया सियासी खेल

सत्ता पर काबिज होते ही कांग्रेस ने जनवरी महीने से हर महीने 1 हजार 500 रुपए खाते में जमा हो जाने की बात कही थी. न केवल कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने बल्कि केंद्रीय नेतृत्व ने भी जोर-शोर से महिलाओं के साथ यह वादा किया. हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने इस गारंटी के साथ एक ऐसा शब्द जोड़ दिया है, जिससे महिलाओं को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. यह शब्द है ‘चरणबद्ध’. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) हर मंच से गारंटी को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने की बात कर रहे हैं. मामले में मुख्यमंत्री का तर्क है कि कांग्रेस की ओर से दी गई यह गारंटियां पूरे पांच साल के लिए है. कांग्रेस इन गारंटियों को चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे पूरा करेगी.

फिलहाल इन महिलाओं को मिल रहा लाभ

सरकार ने अब तक सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन पा रही महिलाओं और स्पीति घाटी की महिलाओं को हर महीने 1 हजार 500 देना शुरू किए हैं. इनके अलावा प्रदेश भर की लाखों महिलाएं अब भी हर महीने 1 हजार 500 रुपए का इंतजार कर रही हैं. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने जब महिलाओं से हर महीने 1 हजार 500 मिलने के लिए फॉर्म भरवाए, तब न तो आय की शर्त थी और न ही किसी क्षेत्र विशेष से होने की.

प्रदेश की महिलाओं को हुआ कितना नुकसान?

जनवरी महीने से जून महीने तक का हिसाब लगाया जाए, तो अब तक प्रदेश की हर महिला को नौ हजार रुपए का नुकसान हो चुका है. परिवार में दो महिलाएं होने पर यह नुकसान 18 हजार और तीन महिलाएं होने पर 27 हजार तक जा पहुंचा है. हालांकि जब कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए महिलाओं से यह वादा किया था, तब ही इस गारंटी पर आर्थिक जानकारों ने सवाल खड़े कर दिए थे. केंद्रीय वित्त पोषण और कर्ज के बलबूते आगे बढ़ने वाले हिमाचल प्रदेश पर इतना अधिक आर्थिक बोझ नहीं डाला जा सकता.

क्या कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा खामियाजा?

हिमाचल की राजनीति के जानकार मानते हैं कि कांग्रेस सरकार को यह गारंटी पूरा न कर पाने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. मुख्य विपक्षी दल भाजपा (Himachal BJP) भी इस मुद्दे को लेकर लोकसभा चुनाव में उतरेगी. ऐसे में कांग्रेस के लिए अपनी इस गारंटी पर महिलाओं को जवाब देना बड़ी चुनौती बन सकता है. हालांकि लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं, लेकिन भाजपा तो कांग्रेस को बैकफुट पर धकेलने के लिए 10 गारंटियों में से इस अहम गारंटी को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी कर चुकी है. इसका ट्रेलर हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Pradesh Vidhansabha) के बजट सत्र और विपक्ष की जनसभाओं में पहले ही नजर आ चुका है.