मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में न्यायालय ने पांच लाख रुपये का चेक बैंक से डिसऑनर (अनादृत) होने पर दोषी को पांच लाख रुपये का अर्थदंड से दंडित किया। साथ ही छह महीने के कारावास की सजा मुकर्रर की।
परिवादी मनोज कुमार शहर के सुभाष नगर मोहल्ले के निवासी है। उनका कहना है कि जानकार होने की वजह से वह नसीरपुर रोड़ सरवट निवासी सुबोध कुमार को उधार रकम देता रहता था। उधार की रकम के लिए काफी तकादा करने पर सुबोध ने पांच लाख रुपये का चेक 19 अप्रैल 2022 को परिवादी को दिया। बैंक में पर्याप्त फंड नहीं होने से वह डिसऑनर हो गया। इस मामले में परिवादी ने अतिरिक्त न्यायालय 138 एनआई एक्ट में वाद दायर किया।
पीठासीन अधिकारी ने सुरेंद्रपाल गोयल ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद आरोपी सुबोध कुमार को परक्राम्य अधिनियम की धारा 138 एनआई एक्ट का दोषी मानते हुए पांच लाख रुपये अर्थदंड और छह माह की सजा सुनाई। अर्थदंड में से साढ़े चार लाख रुपये प्रतिकर के रूप में परिवादी को देगा। शेष 50 हजार रुपये जिला विधिक प्राधिकरण में जमा करने का आदेश दिया।