मध्यप्रदेश गजब है ! घूसखोरी की खुली पोल तो… पैर पकड़ कर लौटाए रिश्वत के पैसे

Madhya Pradesh is amazing! When bribery was exposed... the bribe money was returned by holding the feet of the person
Madhya Pradesh is amazing! When bribery was exposed... the bribe money was returned by holding the feet of the person
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Corruption in MP : आपने अक्सर खबरों में पढ़ा होगा कि रिश्वत के तमाम मामलों में पैसों की वसूली की जाती है… लेकिन अगर हम आपसे कहें कि इस खबर में आप पढ़ने जा रहे हैं कि रिश्वत बाकायदा लौटाई गई है तो क्या आप यकीन करेंगे? और ऐसे-वैसे नहीं बल्कि सार्वजानिक तौर पर एक चौपाल लगाकर गांव के आदिवासियों को रिश्वत की रकम लौटाई गई है. रिश्वत लौटने का ये अनूठा मामला शिवपुरी जिले के खजूरी ग्राम पंचायत से सामने आया है. जहां प्रधानमंत्री जन-मन आवास योजना के तहत सरपंच पति और पंचायत सचिव ने जमकर भ्रष्टाचारी की थी.

आरोप के मुताबिक, आवास बंटवारे और आवास बनाने की रकम रिलीज करने के बदले में सरपंच पति और पंचायत सचिव ने आदिवासियों से 20-20 हजार रुपए से लेकर 40 40 हजार रुपए तक की रकम बतौर रिश्वत वसूली थी.

घूसखोरी के खुलासे पर घुटने पर आए
इसके बाद जब शिकायत हुई तब मामला जिला कलेक्टर तक पहुंचा और आदिवासी संगठन ने इस मामले को तूल दिया था. तब आपा-धापी में सरपंच पति और ग्राम पंचायत सचिव ने आदिवासियों के न केवल पैर पकड़े बल्कि उनसे माफी मांग कर बाकायदा चौपाल लगाकर उनसे ली गई रिश्वत की रकम को लौटाया. इधर, आदिवासियों ने रिश्वत की रकम मिलने के बाद न केवल खुशी जाहिर की बल्कि हाथों में रुपए लेकर फोटो भी खिंचवा लिए.

शिकायत के डर से लौटाए रिश्वत के पैसे
बता दें कि ऐसा मामला सिर्फ प्रदेश ही नहीं बल्कि देश का अनूठा मामला है जिसमें रिश्वत की रकम को इस तरह एक गांव के लोगों को इकट्ठा कर चौपाल लगाकर लौटाया गया है. बता दें कि ये मामला एक आदिवासी संगठन के माध्यम से जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में भी गूंजा था. मामले में शिकायत के बाद CEO जिला पंचायत ने सचिव के खिलाफ कारण बताओं नोटिस भी जारी किया था.

किसको कितनी मिली रिश्वत की रकम वापस ?
दीपा आदिवासी को ₹20000 की रकम वापस
रामवती आदिवासी को ₹25000 की रिश्वत वापस
नीलम आदिवासी को ₹10000 वापस किए
प्रकाश आदिवासी को ₹20000 की रकम वापस
आरंभिक आदिवासी को ₹20000 की रकम वापस
अनारकली आदिवासी को ₹10000 की रकम वापस
सुनील आदिवासी को ₹30000 की रकम वापस
सीमा आदिवासी को ₹20000 की रकम वापस
काजल आदिवासी को ₹20000 की रकम वापस
इंद्र आदिवासी को ₹20000 की रकम वापस
सोमवती आदिवासी को ₹15000 की रकम वापस
दिलीप आदिवासी को ₹20000 की रकम वापस

रिश्वत वसूली के बाद बंदरबाट के लगे आरोप
इसी तरह आदिवासी समुदाय के और लोगों की बात करें तो रजनी आदिवासी रामबाई आदिवासी राहुल आदिवासी और सोमवती आदिवासी को भी उनकी रकम वापस लौटाई गई है. शिवपुरी जिले की ग्राम पंचायत खजूरी से सामने आए मामले में इलाके के आदिवासियों ने आरोप लगाया है कि सरपंच पति और ग्राम पंचायत के सचिव रोशन कुमार वशिष्ठ समेत उनके सहयोगी अजीत शर्मा पर प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत रिश्वत वसूल करके तीनों ने आपस में बंदरबाट की थी. अब इस मामले की प्रशासनिक तौर पर बड़े पैमाने पर जांच की जा रही है.

मामले को लेकर क्या बोले जिम्मेदार ?
मामले को लेकर शिवपुरी जनपद पंचायत की अध्यक्ष हेमलता रावत ने कहा कि हमें शिकायत मिली थी. हमने शिकायत को अधिकारियों के सामने रखा है. अधिकारियों ने पंचायत के सचिव के खिलाफ कारण बताओं नोटिस जारी कर 7 दिन के अंदर जवाब मांगा था.

आरोपियों को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी
CEO जिला पंचायत उमराव मरावी ने कहा कि इस तरह की शिकायत बेहद गंभीर है और प्रधानमंत्री जन मन आवास योजना के तहत अगर शासन का कर्मचारी ही रिश्वत वसूल करता है तो ये अपने आप में गंभीर अपराध है. हमने सख्त से सख्त कार्रवाई करने का फैसला लिया है. सरपंच पति के साथ सचिव पर निश्चित कार्रवाई करेंगे. हमने उसे सबसे पहले कारण बताओं नोटिस जारी किया है.

शिवपुरी में चर्चा का विषय बनी ये ‘चौपाल’
वहीं, जिला कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचारियों को नहीं छोड़ेंगे और शिकायत मिली है तो पूरी जांच की जाएगी. उसके बाद सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. बहरहाल, प्रधानमंत्री जन-मन आवास योजना के तहत आदिवासियों से ली गई रिश्वत की रकम को चौपाल लगाकर लौटने वाला मामला अपने आप में चर्चा का विषय बना हुआ है.