सुपौल । बिहार के सुपौल में सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबंध पर बसी बनैनियां पंचायत के 100 से अधिक विस्थापित परिवारों के घर अगलगी में गुरुवार को राख हो गए। आग इतनी भयावह थी कि लोग मूकदर्शक बने और घर जलता रहा। करीब एक किलोमीटर की लंबाई में बसे विस्थापित परिवारों में से बहुत कम ही लोगों का घर बच पाया है।
घटना के बाद लोगों में कोहराम है। लोग नेशनल हाइवे के रेलिंग पर शरण ले रखे हैं। पीड़ित परिवारों में कुछ सरायगढ़ गांव के लोग भी हैं। जानकारी पर भपटियाही थानाध्यक्ष किशोर कुमार पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे। काफी देर बाद दमकल की गाड़ी पहुंची लेकिन तब तक देर हो गई थी। शाम को लोग कहां रहेंगे और फिर ऐसे विस्थापित परिवार को भोजन कहां से मिलेगा लोग समझ नहीं पा रहे हैं।
सूचना पर अगल-बगल की पुलिस भी स्थल पर पहुंची और जलते हुए घरों को बुझाने का प्रयास किया। कई पीड़ित लोगों ने बताया कि उनलोगों का घर, कपड़ा, नकद, जेवरात, अनाज कुछ भी नहीं बच पाया है। लोग अपने स्वजनों को खोज रहे थे।
वर्ष 2010 में कोसी के कटाव के बाद बनैनियां पंचायत के अधिकांश लोग चिकनी गांव सीमा में पूर्वी कोसी तटबंध पर आकर बस गये। ऐसे सभी परिवारों का जीवन बाहर की कमाई पर चलता है क्योंकि सभी की खेती-बाड़ी बर्बाद हो चुकी है और अब ऐसे सभी लोगों का घर जलकर राख हो गया। घटना स्थल पर प्रखंड स्तर के पदाधिकारी पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
कई लोगों का कहना है कि दोपहर के समय चूल्हे की चिंगारी से लगी आग ने पूरे बस्ती को जलाकर रख कर दिया। प्रमुख विजय कुमार यादव, प्रखंड विकास पदाधिकारी श्वेता, राजस्व अधिकारी राकेश रंजन सहित अन्य स्थल पर पहुंचकर लोगों को हर संभव सहायता दिलाने का भरोसा दिया।