उत्तराखंड उपचुनाव में प्रचार करेंगी मायावती, भतीजे आकाश आनंद को भी बनाया स्टार प्रचारक

Mayawati will campaign in Uttarakhand by-election, nephew Akash Anand also made star campaigner
Mayawati will campaign in Uttarakhand by-election, nephew Akash Anand also made star campaigner
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देहरादूनः बसपा ने आगामी उत्तराखंड विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने 13 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। मंगलौर सीट पर हो रहे उपचुनाव में बसपा प्रमुख मायावती और उनके भतीजे आकाश आनंद चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे। इनके अलावा पार्टी के अन्य नेता भी चुनाव प्रचार करेंगे।

10 जुलाई को मंगलौर सीट पर होगा चुनाव

मिली जानकारी के अनुसार, मंगलौर विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को मतदान होगा। इस सीट से बसपा के टिकट पर सरवत करीम अंसारी विधायक चुने गए थे। अंसारी के निधन से यह सीट खाली हुई है। बसपा यहां पर काफी मजबूत मानी जाती है। पार्टी को लगता है कि अगर मेहनत की जाए तो दोबारा से यह सीट जीती जा सकती है।

बसपा के स्टार प्रचारकों की लिस्ट

मायावती
आकाश आनंद
राम जी गौतम
सुरेश आर्य
चौ. शीशपाल सिंह
सूरजमल
मो० शहजाद
बी. आर. धौनी
प्रदीप चौधरी
डा० नाथीराम
नन्द गोपाल
विनोद कुमार गौतम
हरीश चन्द्र सिनोली
उपचुनाव बहुत कम लड़ती है बसपा

बसपा आमतौर पर उपचुनाव बहुत कम लड़ती है। जहां बसपा लड़ती है वहां मायावती खुद प्रचार करने नहीं जाती। संभवतः यह पहला मौका होगा जब वह किसी उपचुनाव में प्रचार करेंगी। अभी हाल में ही हुए लोकसभा चुनाव में बसपा को एक भी सीट नहीं मिली थी।

बीजेपी यहां से कभी नहीं जीती

बता दें कि मंगलौर सीट को बीजेपी कभी जीत नहीं पाई है। यहां से बसपा और कांग्रेस अक्सर जीतते आए हैं। विधानसभा चुनाव में यहां से बसपा जीती थी। यहां पर 45 प्रतिशत मुस्लिम, 55 प्रतिशत हिंदू हैं। हिंदुओं में करीब 18 प्रतिशत दलित मतदाता हैं। दलित और मुस्लिम मतदाताओं का बसपा को यहां पर समर्थन मिलता रहाा है।

मायावती ने आकाश आनंद को जिम्मेदारियों से मुक्त किया था

बता दें कि बसपा को लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली है। चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने ‘उत्तराधिकारी’ और पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक (नेशनल कोऑर्डिनेटर) की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया था। बसपा प्रमुख ने पिछले वर्ष दिसंबर माह में आकाश आनन्‍द को अपना ‘उत्तराधिकारी’ घोषित किया था और उन्हें हटाने का यह आश्चर्यजनक फैसला उस वक्त आया जब देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए मतदान संपन्न हो गया था।