दूध-अनाज-दाल-आलू-प्याज सब महंगे, हरी सब्जी ने तोड़ा सारा रिकार्ड, कैसे चलेगी…. गृहस्थी

Milk-cereals-pulses-potatoes-onions all are expensive, green vegetables have broken all records, how will the household run....
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नई दिल्ली: आम चुनाव बीतने के बाद महंगाई ने फन उठाना शुरू कर दिया था। अब तो यह बेकाबू होने की स्थिति में है। दालें आम आदमी के बूते से निकल चुकी हैं। अरहर की दाल तो ढाई सौ रुपये प्रति किलो का आंकड़ा छूने को बेकाबू है। इसी राह पर उड़द और मूंग की दाल भी है। अभी गेहूं की कटाई हुए महज कुछ ही सप्ताह हुए हैं और यह महंगा होना शुरू हो गया। चावल भी महंगा हो गया है। गर्मी की वजह से हरी सब्जी वैसे ही महंगी हो गई है। तिस पर आलू-प्याज की कीमतें आम आदमी को डराने लगी है।

दूध पहले ही हो चुका है महंगा
इसी महीने की तीन तारीख की बात है। देश के सबसे बड़ी मिल्क कोओपरेटिव कंपनी अमूल (Amul) ने सभी तरह के दूध की कीमतों में कम से कम दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद मदर डेयरी (Mother Dairy) ने भी दूध के भाव बढ़ा दिए थे। जब अमूल और मद डेयरी जैसी कंपनियों ने भाव बढ़ाया तो दूधिये का भाव भी बढ़ गया। वैसे भी दूधिये जो घर-घर दूध पहुंचाते हैं, उनका भाव अमूल जैसी कंपनियों से ज्यादा होता है।

दाल और अनाज भी हो गए महंगे
पिछले एक महीने में दाल का भाव तेजी से बढ़ा है। खुले बाजार में अरहर का जो दाल डेढ़ से पौने दो सौ रुपये किलो मिला करता था, उसकी कीमत अब दो सौ से ढ़ाई रुपये किलो तक पहुंच गई है। सरकारी भारत ब्रांड वाला चना दाल तो 60 रुपये किलो मिल रहा है, लेकिन खुले बाजार में यह करीब 100 रुपये किलो मिल रहा है। अरहर दाल महंगा होने से मूंग, उड़द और मसूर के दाल भी महंगे हो गए। इसी बीच चुनाव खत्म होने के बाद गेहूं भी 30 रुपये किलो के आसपास पहुंच गया। चावल तो इससे पहले ही करीब 20 फीसदी महंगा हो गया था।

प्याज के दाम 60% बढ़े
इस समय प्याज ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। इस समय दिल्ली के बाजार में बढ़िया प्याज 60 से 70 रुपये किलो मिल रहा है। सामान्य प्याज भी 50 रुपये किलो के आसपास चल रहा है। छोटे या कुछ खराब किस्म का प्याज 40 रुपये किलो मिल जाएगा। केंद्रीय उपभोक्ता मामले के विभाग के अधिकारी खुद स्वीकार कर रहे हैं कि इस समय प्याज का दाम सालभर पहले के मुकाबले लगभग 60 फीसदी ऊपर चल रहे हैं।

आलू भी हो गए हैं महंगे
यूं तो गर्मी से आलू का कोई संबंध नहीं है। क्योंकि आलू की फसल की खुदाई अप्रैल में ही खत्म हो गई है। इस समय सारा आलू कोल्ड स्टोरेज में है। लेकिन स्टोर से पर्याप्त आलू बाजार में नहीं आ रहा है। इसलिए आलू का भाव ऊपर है। इस समय थोक बाजार में ही पहाड़ी आलू के नाम से बिकने वाला सूर्या आलू 220 रुपये के पांच किलो मिल रहा है। खुदरा बाजार में आकर यह 50 से 60 रुपये किलो बिक रहा है। चिप्सोना आलू इससे कुछ कम और लोकल आलू 160 रुपये के पांच किलो मिल रहे हैं।

हरी सब्जी के तो भाव मत पूछिए
इस समय हरी सब्जी के भाव पूछना भी गुनाह हो गया है। लौकी जैसी सब्जी, जिसे शायद की कोई व्यक्ति चाव से खाता हो, भी 50 रुपये किलो या इससे ज्यादा कीमत पर बिक रही है। इसी तरह तोरी भी 20 रुपये पाव मिलने लगा है। भिंडी, परवल, करेला जैसी सब्जी के भी भाव चढ़े हुए हैं। आखिर ऐसा क्यों नहीं हो, जब तेज गर्मी में हरी सब्जी के पौधे या बेल ही झुलस गए हैं तो बेचार किसान क्या करे।

चीनी भी हो गई महंगी
गर्मी के दिनों में लोग शर्बत ज्यादा पीने लगते हैं। कच्चे आम, बेल, फालसा से लेकर पुदीने तक के शर्बत में चीनी का ही उपयोग होता है। इसलिए इस समय चीनी भी महंगी हो गई है। खुले बाजार में जो चीनी कुछ सप्ताह पहले 42 रुपये किलो मिल रही थी, उसकी कीमत 45 से 46 रुपये किलो हो गया है। एक किलो की पैकिंग वाली ब्रांडेड चीनी तो 55 रुपये किलो बिक रही है।