मध्य प्रदेश में छह दिन देरी से मानसून ने दी दस्तक, कई जिलों में झमाझम बारिश

Monsoon arrived six days late in Madhya Pradesh, heavy rains in many districts
Monsoon arrived six days late in Madhya Pradesh, heavy rains in many districts
इस खबर को शेयर करें

भोपाल: मध्यप्रदेश में भीषण गर्मी के बीच मानसून ने छह जिलों में दस्तक दे दी है। साथ ही प्रदेश के ज्यादातर जिलों में प्री मानसून की बारिश का दौर चल रहा है। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है। शुक्रवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून मध्यप्रदेश के पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी और अनूपपुर जिलों में प्रवेश कर लिया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के सभी जिलों में पहुंचने में एक-दो दिन का समय लग जाएगा। इधर भोपाल में प्री मानसून बारिश का दौर जारी है। शुक्रवार को दोपहर बाद तेज बारिश हुई। शुक्रवार तड़के करीब तीन बजे से बारिश शुरू हो गई। यहां बैरागढ़ इलाके में सुबह 8 बजे तक 4.8 इंच बारिश हुई। सीहोर में दो घंटे में ही 4 इंच से ज्यादा पानी बरसा। इधर इंदौर उज्जैन, रतलाम, नीमच, शाजापुर और रायसेन में रुक-रुककर बारिश हो रही है।

भोपाल वासियों को एक दिन और करना पड़ेगा इंतजार
राजधानी भोपाल में प्री मानसून की बारिश का दौर जारी है, जिससे तापमान में काफी गिरावट आई है। हालांकि मानसून अभी तक नहीं पहुंचा है। मौसम विभाग भोपाल के सीनियर वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह बताते हैं कि तीन, चार दिन के भीतर मानसून पूरे प्रदेश में दस्तक दे देगा। भोपाल, जबलपुर और सतना में अगले 48 घंटों में मानसून दस्तक दे सकता है। इंदौर, सागर पहुंचने में तीन दिन लग सकते हैं। इसके बाद उज्जैन संभाग में पहुंचेगा। ग्वालियर-चंबल में सबसे आखिरी में एंटर होगा। उन्होंने बताया कि पिछले साल एमपी में 24 जून को मानसून पहुंचा था। चार दिन में पूरे प्रदेश में छा गया था। वेदप्रकाश ने बताया कि मानसून प्रदेश के जिन जिलों में पहुंचा गया है। वहां पिछले 24 घंटे में तेज बारिश का दौर चला है।

अगले 24 घंटे के लिए मौसम विभाग बारिश का अलर्ट
मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश को लेकर मौसम विभाग में पूर्वानुमान जारी किया है। इसमें बताया गया है कि भोपाल, रायसेन के भीमबेटका, सीहोर, बैतूल, इंदौर, देवास, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम के पचमढ़ी, सिवनी, बालाघाट, डिंडोरी, शहडोल, अनूपपुर के अमरकंटक में तेज बारिश होगी। इस दौरान आकाशीय बिजली भी गिर सकती है। वहीं, श्योपुरकलां, मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया, उज्जैन, हरदा, धार के मांडू, बड़वानी, रतलाम, झाबुआ, मंदसौर, विदिशा के उदयगिरि, सांची, शाजापुर, खरगोन में हल्की आंधी के साथ बिजली चमक सकती है। वहीं, खरगोन के महेश्वर, खंडवा के ओंकारेश्वर, बुरहानपुर, नरसिंहपुर, मंडला, सिंगरौली, उमरिया, सीधी, छतरपुर के खजुराहो, पन्ना, दमोह, कटनी, सागर का मौसम बदल सकता है।

जानें प्रदेश में कब कहां पहुंचेगा मानसून
मौसम विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार शुक्रवार को प्रदेश के पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी और अनूपपुर जिलों में मानसून पहुंच गया। बैतूल, नर्मदापुरम, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा में भी देर रात तक मानसून पहुंच सकता है। जबकि 22-23 जून तक भोपाल, 24 जून तक इंदौर और 25-26 जून तक उज्जैन संभाग में पहुंच सकता है। ग्वालियर-चंबल में सबसे आखिरी में मानसून पहुंचने की संभावना है।

जाने क्या होता है मानसून
मौसम विभाग के सीनियर वैज्ञानिक वेद प्रकाश ने बताया कि मानसून दक्षिण-पश्चिमी हवाओं को कहा जाता है, जो भारत सहित बांग्लादेश और पाकिस्तान में बारिश कराती हैं। हिंद महासागर और अरब सागर से यह हवाएं उठती हैं। ये हवाएं जून से सितंबर महीने तक सक्रिय रहती हैं और दक्षिण-पश्चिम से चलकर भारत और अन्य देशों में बारिश लाती हैं। मानसून शब्द का पहली बार प्रयोग ब्रिटिश काल में हुआ था। हाइड्रोलॉजी में मानसून को उन हवाओं के रूप में जाना जाता है, जो किसी क्षेत्र में एक विशेष मौसम में खूब बारिश कराती है।