जयपुर. राजस्थान में भले ही मानसून की एंट्री पिछले साल की तुलना में इस साल थोड़ी देरी हो रही हो, लेकिन प्री-मानसून के बादलों ने अब तक की बारिश का कोटा पूरा कर दिया। राजस्थान में अमूमन 20 जून तक जितनी बारिश होती है उससे 23 फीसदी ज्यादा बरसात अब तक हो चुकी है। पश्चिम और दक्षिण राजस्थान के कई जगहों पर तो तेज बारिश के बाद बांध, झरने और नदियाें में पानी की आवक शुरू हो गई। ऐसे में लोगों के लिए ये प्री-मानसून की बारिश एक अच्छे मानसून के आने का संकेत दे रहे है।
राजस्थान में 1 जून से 20 जून तक सामान्यत: औसतन 25.1MM बरसात होती है, लेकिन इस बार अब तक 30.8MM औसत बरसात हो चुकी है, जो सामान्य से 23 फीसदी ज्यादा है। सबसे ज्यादा बरसात पिछले एक सप्ताह के दौरान हुई, जिससे इस प्री-मानसून की बारिश का कोटा पूरा हो गया। मौसम केन्द्र का अनुमान है इस वर्ष भी प्रदेश में मानसून की एंट्री झालावाड़ से सकती है।
चम्बल में शुरू हुई पानी की आवक
चम्बल नदी में पानी की आवक शुरू हो गई, जिसके चलते इन पर बने बांधों का जलस्तर बढ़ने लगा है। चित्तौड़गढ़ के राणा प्रताप सागर बांध का जलस्तर 347.16 से बढ़कर 347.91 आरएल मीटर तक पहुंच गया। इस तरह बांध में 42114 क्यूसेक से ज्यादा पानी आया।
इसी तरह टोंक के बीसलपुर बांध में भी करीब 7 सेमी. की बढ़ोतरी हुई है। भीलवाड़ा के प्रसिद्ध मेनाल झरना कल बहता दिखाई दिया, जो अमूमन मानसून के आने के बाद ही बहता है। इसके अलावा 14 जून को सिरोही के पिंडवाड़ा तहसील में बारिश के बाद झाडोली नदी बहनी शुरू हो गई। इधर पाली में काकराड़ी व कोयलवाव नदी में उसी दिन तेज बारिश के बाद पानी बहता दिखा।
दौसा में सबसे ज्यादा बरसात
जिलेवार स्थिति देखे तो सबसे ज्यादा बरसात दौसा जिले में हुई। यहां सामान्य से 181 फीसदी ज्यादा बरसात हुई है। दौसा में अमूमन 20 जून तक 28.1MM बरसात होती है, लेकिन इस बार अब तक 79MM बारिश हो चुकी है। इसी तरह सवाई माधोपुर में 179 फीसदी, बूंदी में 171, नागौर में 177 और भरतपुर में 119 ज्यादा बरसात इस प्री-मानसून में अब तक हो चुकी है।
जल्द हो सकती है मानसून की एंट्री
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक देश में मानसून के आगे बढ़ने की स्थिति अभी अनुकूल है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून आगे बढ़ते हुए की सीमा बढ़कर अब राजस्थान की सीमा के नजदीक पहुंच चुकी है। ये सीमा राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना एरिया के नजदीक से गुजर रही है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 22 जून तक प्रदेश में मानसून की एंट्री हाड़ौती अंचल के रास्ते से हो सकती है। आपको बता दें कि पिछले साल 2021 में भी मानसून की एंट्री उदयपुर, झालावाड़ के रास्ते 18 जून को हुई थी।