लखनऊ। विदाई की बेला में दक्षिणी-पश्चिमी मॉनसून के यूपी में मेहरबान होने के आसार बन रहे हैं। अगले सप्ताह प्रदेश में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। प्रदेश के कुछ हिस्सों में लगातार दो-तीन दिन तक बारिश का सिलसिला चल सकता है।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जे.पी.गुप्त के अनुसार मानसून की टर्फ लाइन ऊपर आएगी और यूपी से होकर गुजरेगी। आगामी 14 और 15 सितम्बर को पूर्वी और पश्चिमी यूपी में भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। अवकाश प्राप्त उप निदेशक सी.पी.श्रीवास्तव ने कहा कि इस बारिश से धान की फसल को फायदा हो सकता है।
35 साल बाद हर महीने सामान्य से कम बारिश
राज्य में जून से आठ सितम्बर तक 47.7 प्रतिशत यानी 699.0 मिमी बारिश होनी चाहिए थी। जबकि महज 333.9 मिली बारिश हुई। कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह का कहना है कि पिछले 35 साल में हर महीने सामान्य से कम बारिश हुई है।
अवधी भाषा के विद्वान व साहित्यकार डा. रामबहादुर मिश्र कहावतों के हवाले से कहते हैं- ‘का बरखा जब फसल सुखानि।’ उन्होंने बताया कि मघा नक्षत्र में इस बार बारिश नहीं हुई जबकि कहावत कही जाती है-‘मघा के बरसे, माता के परसे’ अर्थात जैसे मां थाली परोसे तो भूख शांत होती है, वैसे ही मघा नक्षत्र में बारिश से धरती तृप्त होती है। उन्होंने कहा कि ‘कास’ एक किस्म की घास होती है जब गांवों व खेतों में यह घास फूलने लगे तो समझ लीजिए कि अब बारिश के आसार नहीं है।
40 प्रतिशत से कम बारिश वाले 28 जिलेमिर्जापुर, हरदोई, बहराइच, उन्नाव, सम्भल, बरेली, बुलंदशहर, मऊ, अमेठी, पीलीभीत, बलिया, शामली, बस्ती, अमरोहा, गोण्डा, रामपुर, संत कबीरनगर, शाहजहांपुर, बागपत, कानपुर देहात, कौशाम्बी, रायबरेली, जौनपुर, चंदौली, कुशीनगर, फरूखाबाद, गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद।