हत्या के बदले हत्या… बिजनौर कोर्ट के अंदर बदमाश को गोलियों से था भूना

Murder for murder... The criminal was shot with bullets inside Bijnor court.
Murder for murder... The criminal was shot with bullets inside Bijnor court.
इस खबर को शेयर करें

बिजनौर। यूपी की बिजनौर कोर्ट के अंदर 2019 में ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी. जिसमें दिल्ली पुलिस की हिरासत में पेशी पर आए शाहनवाज की मौत हो गई थी. शाहनवाज को निशाना बनाकर फायरिंग की गई थी, उसे कुल 12 गोली लगी थी. एक और शख्स के जबड़े में गोली थी. इस केस में आज (23 मई) सजा का ऐलान हुआ है. शाहनवाज हत्याकांड में दोषी सुमित कुमार को जिला कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. साथ ही एक लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है. सुमित ने ही कोर्ट रूम में गोलियां चलाई थीं.

बता दें कि बिजनौर के सीजेएम कोर्ट में दिल्ली पुलिस की हिरासत में अपने साथी जब्बार के साथ आए शाहनवाज की ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर की गई हत्या के मामले में शामली निवासी सुमित को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. इस बहुचर्चित हत्याकांड में अपर सत्र न्यायाधीश प्रकाशचंद्र शुक्ला ने सुमित को शाहनवाज की हत्या, जानलेवा हमले और अवैध शस्त्र रखने का दोषी करार दिया.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की पहली घटना थी जिसमें कोर्ट के अंदर सुनवाई के दौरान तीन लोगों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाते हुए किसी आरोपी की हत्या कर दी थी. इस कांड में सुमित के साथ दो अन्य शूटर भी थे, लेकिन वो दोनों हत्यारोपी नाबालिग थे. उनकी सुनवाई पर फिलहाल हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है.

जब कोर्टरूम में तड़तड़ाई गोलियां

पूरा मामला 17 दिसंबर 2019 का है, जब बिजनौर की सीजेएम कोर्ट में दिल्ली पुलिस की हिरासत में अपने साथी जब्बार के साथ आए शाहनवाज की ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी गई थी. भरी कोर्ट में जज के सामने दर्जनों राउंड गोलियां चली थीं. इसमें करीब 12 गोलियां शाहनवाज को लगी थीं. गोली चलाने वाले तीन लोग थे. एक सुमित, जिसे आज उम्रकैद हुई है और बाकी दो नाबालिग लड़के थे.

एक मर्डर केस की सुनवाई के लिए शाहनवाज और जब्बार बिजनौर लाए गए थे. दोनों जब अदालत के कठघरे में खड़े थे और दोनों पक्ष के वकील सीजेएम के सामने बहस कर रहे, तभी पहले से कोर्ट रूम में बैठे शूटरों ने फायरिंग शुरू कर दी. इसमें मृतक बसपा नेता हाजी एहसान का नाबालिग बेटा साहिल और किरतपुर निवासी अकरम और शामली निवासी सुमित कुमार शामिल था.

एक बदमाश भाग गया था

गोली चलते ही कोर्ट के अंदर भगदड़ मच गई. वकील और दूसरे लोग इधर-उधर भागने लगे. इसी भगदड़ का फायदा उठाकर शाहनवाज के साथ आया दूसरा बदमाश जब्बार फरार हो गया था. लेकिन शाहनवाज मारा गया. वहीं, इस गोलीबारी के दौरान एक कोर्ट कर्मी के जबड़े में भी गोली लग गई थी. हालांकि, उसकी जन बच गई थी. वहीं, मौके पर ही तीनों हमलावर पकड़े गए थे.

सरकारी वकील मुकेश चौहान के अनुसार, चूंकि मामले के दो आरोपियों के नाबालिग होने के चलते उनकी सुनवाई पर हाईकोर्ट से रोक लगी है इसलिए अदालत ने सुमित के मामले की सुनवाई पूरी करते हुए आज अपना फैसला सुना दिया है. जिसमें अदालत में सुमित कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और उसे पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोंका है. उसके अपराध को देखते हुए फांसी की मांग की गई थी लेकिन अदालत ने इसको जघन्य अपराध नहीं माना और सिर्फ उम्र कैद की सजा सुनाई.

जानिए कोर्ट में फायरिंग की वजह

दरअसल, 28 मई 2019 को नजीबाबाद के बसपा के विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी प्रॉपर्टी डीलर हाजी मोहम्मद एहसान और उनके भांजे शादाब की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या प्रॉपर्टी विवाद को लेकर भाड़े के शूटर्स के द्वारा कराई गई थी. जिसमें नवा क्षेत्र के गांव कनकपुर निवासी शाहनवाज का नाम आया था. शाहनवाज ने नजीबाबाद जलालाबाद के जब्बार अंसारी और गांव उब्बन वाला निवासी दानिश से हत्या कराई थी. बाद में पुलिस ने दानिश को गिरफ्तार कर लिया था.

दानिश ने पूरे हत्याकांड में शामिल बदमाशों का नाम और पता पुलिस को बता दिया था, जिसमें हत्या करने का सीधा आरोप पूर्वांचल के माफिया डॉन के खास कहे जाने वाले शाहनवाज पर लगा था. तभी से हाजी एहसान के परिवार के लोग शाहनवाज की ताक में लगे थे और वह भी उसे उसी तरह मारना चाहते थे, जिस तरह शाहनवाज ने उनके पिता हाजी एहसान की हत्या कराई थी.

उसी का बदला लेने के लिए 17 दिसंबर 2019 को हाजी एहसान के बेटे साहिल ओर किरतपुर निवासी अकरम तथा शामली निवासी सुमित कुमार ने सीजेएम कोर्ट में सुनवाई के दौरान शाहनवाज को गोलियों से भून दिया था.