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मुजफ्फरनगर। सूबे के सहकारी बैंक और समितियों से लिया गया कर्ज चुकता करने में पश्चिम उत्तर प्रदेश के अन्नदाता सबसे आगे हैं। मुजफ्फरनगर के किसान अब तक 71.86 प्रतिशत ऋण अदा कर पहले पायदान पर पहुंच गए हैं जबकि प्रदेश के कुल किसानों ने अभी तक 50.79 प्रतिशत ऋण ही वापस किया है।
प्रदेश के 50 जनपदों में संचालित सहकारी बैंक और समितियों से किसान फसली ऋण लेते हैं। एक जुलाई 2023 से सात जून 2024 तक के बीच के आंकड़े बताते हैं कि किसान सरकारी अर्थव्यवस्था का पहिया घुमाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रहे हैं। प्रदेश के 60 फीसदी से अधिक कर्ज चुकाने वाले जिलों में पश्चिम के मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, मुरादाबाद और पूर्वांचल का सीतापुर शामिल है।
मुजफ्फरनगर और शामली जिले की 101 समितियों और 45 बैंक शाखाओं से लगभग सवा लाख किसान जुड़े हुए हैं। मुजफ्फरनगर और शामली सहकारी बैंक के सचिव राजेश कुमार ने बताया कि सात जून तक की वसूली में मुजफ्फरनगर जिला प्रदेश में पहले स्थान पर है।
सभापति ठाकुर रामनाथ सिंह कहते हैं कि किसानों की बदौलत ही प्रदेश में जिले को पहला नंबर मिला है। किसान बैंक और समितियों से लिया गया कर्ज तेजी के साथ लौटा रहे हैं।
पश्चिम यूपी के किस जनपद ने कितना ऋण चुकता किया
जिला ऋण/लाख रुपये चुकाया/लाख रुपये
मुजफ्फरनगर 107431.67 77204.72
मेरठ 116728.94 74849.76
बिजनौर 93947.32 59720.53
सहारनपुर 77184.07 38570.77
गाजियाबाद 65427.60 35930.29
मुरादाबाद 75309.13 48399.03
रामपुर 50340.88 25767.61