मुजफ्फरनगर: भागवंती सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज श्रमिक दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के आचार्य श्रीमान योगेश कुमार जी ने मां सरस्वती के सम्मुख पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वंदना सत्र के उपरांत मुख्य वक्ता योगेश कुमार जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि भारत में श्रमिक दिवस को कामकाजी लोगों के सम्मान में मनाया जाता है। भारत में 1 मई, 1923 को पहली बार चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) में मज़दूर दिवस का आयोजन किया गया।
यह पहल सर्वप्रथम हिंदुस्तान की ‘लेबर किसान पार्टी’ के प्रमुख सिंगारावेलु द्वारा की गई थी।लेबर किसान पार्टी के प्रमुख मलयपुरम सिंगारावेलु चेट्टियार ने इस अवसर पर दो बैठकों का आयोजन किया। इन बैठकों में सिंगारावेलु ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया था कि ब्रिटिश सरकार को भारत में मई दिवस या मज़दूर दिवस पर राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा करनी चाहिये। मज़दूर दिवस को भारत में कामगार दिवस और अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस के रूप में भी जाना जाता है। दुनिया के लगभग 80 देशों में इस दिन की छुट्टी घोषित की गई है।
कर्मचारी राज्य बीमा योजना अधिनियम 1948 को लागू किया गया है ।इसके अंतर्गत कर्मचारियों का निशुल्क बीमा में चिकित्सा उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई गई है । इसके अतिरिक्त कर्मचारी भविष्य निधि का निर्माण किया गया है ।जो वर्ष 1952 में कर्मचारी अधिनियम 1952 में लागू किया गया। इसके अंतर्गत कर्मचारियों को पेंशन की सुविधा भी दी जाती है। जो अवकाश के समय प्रदान की जाती है। यह पेंशन आयु 58 वर्ष के बाद प्रदान की जाती है यह वेतन का 30 से 50% तक हो सकती है ।
इसके उपरांत विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती सीमा गोयल जी ने सभी को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी और बताया कि तत्काल सरकार श्रमिकों के लिए कितनी चिंतित है। वर्तमान सरकार ने श्रमिक कार्ड के माध्यम से प्रत्येक रजिस्टर्ड श्रमिकों को 1500 प्रति माह तक देने का एक कार्यक्रम संचालित किया है। इस अवसर पर समस्त आचार्य आचार्या उपस्थित रहे।