सिक्किम में शहीद हुआ मुजफ्फरनगर का लाल लोकेश सहरावत, दुख में डूबा पूरा जिला

Muzaffarnagar's Lal Lokesh Sehrawat martyred in Sikkim, the whole district is in grief
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मुजफ्फरनगर। सिक्किम हादसे में शहीद हुए युसूफपुर के लाल सेना नायक लोकेश सहरावत की शहादत के बाद दिनभर गांव में लोगों की आवाजाही लगी रही। हर लम्हा शहीद की यादों और बातों में गुजरा। रविवार को पार्थिव शरीर गांव पहुंचेगा और सैनिक सम्मान के साथ विदाई दी जाएगी। वहीं केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने भी दुख जताया है।

बृहस्पतिवार रात ही लोकेश कुमार की शहादत का समाचार गांव पहुंचा था। शुक्रवार को दिनभर गांव में सन्नाटा पसरा रहा। सैकड़ों लोग शहीद के घर सांत्वना देने पहुंचे। रविवार सुबह तक शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचेगा। निजी भूमि में शहीद का सैनिक सम्मान के साथ गांव में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।
गमजदा परिजन।

अंतिम संस्कार स्थल का प्रशासनिक अधिकारियों सहित राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉक्टर वीरपाल निर्वाल ने निरीक्षण किया। अंतिम संस्कार स्थल के आसपास सहित मुख्य मार्गों की साफ सफाई का कार्य किया जा रहा है।

ढाई साल पहले शादी, कोई संतान नहीं
लोकेश कुमार 2013 में जबलपुर से 25 ग्रेनेडियर (सेना) में भर्ती हुए थे। वे एक माह की छुट्टी पूरी कर दस दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटे थे। लोकेश किसान उदयवीर का इकलौता बेटा था, जिससे पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सेना नायक लोकेश की लगभग ढाई वर्ष पूर्व तनु के साथ शादी हुई थी। उनके कोई संतान भी नहीं है। बड़ी बेटी रश्मि शादीशुदा है। मां कुसुम सहित समस्त परिवार का रो-रो कर बुरा हाल था।

गम में डूबे साथी, पिता की आंख से बह रहे आंसू
शहीद लोकेश के निकट के साथी अनुज, अवतार, अंकित, विनीत, अनिल सहित प्रधान राजेंद्र सिंह, ताऊ अशोक कुमार, सुभाष चंद, चाचा सतीश सहरावत, कवि विभोर कुमार का कहना है कि लोकेश खेल ही नहीं खेती में भी निपुण थे। वे नेशनल स्तर का वॉलीबाल खिलाड़ी थे। बेहतर खेल के कारण ही वो सेना में भर्ती हुए थे। तीन वर्षों से टीम में नहीं खेल रहे थे। जब भी वह छुट्टी आते थे तो पिता उदयवीर को ज्यादा मेहनत ना करनी पडे़, इसलिए खुद ही खेती बाड़ी के कार्य में लग जाते थे।

मुजफ्फरनगर बाईपास से शुरू होंगे अंतिम दर्शन
ग्रामीणों ने बताया कि रविवार सुबह सवेरे गांव से काफी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली मुजफ्फरनगर बाईपास पर जाकर खड़े हो जाएंगे। तिरंगे लगे ट्रैक्टर-ट्रॉली के लंबे काफिले के साथ यूसुफपुर के लाल शहीद लोकेश का पार्थिव शरीर गांव में लाया जाएगा।

शहीद के घर सांत्वना देने वालों का लगा रहा तांता
नायक लोकेश सहरावत की शहादत के बाद उनके आवास पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा रहा। शनिवार सुबह उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल, विधायक चंदन चौहान, पूर्व मंत्री राजपाल सैनी, जनता इंटर कॉलेज के प्रबंधक देवेंद्र सिंह पूर्व चेयरमैन राजेश, ज्ञानेंद्र कैप्टन, प्रभात तोमर, जोगेंद्र वर्मा, धीर सिंह डायरेक्टर, बिन्नू राठी, अमित सहरावत, सुनील कुमार, सतीश कुमार, जयपाल सिंह, जयचंद, हरि प्रकाश, हरपाल सिंह, सीपी शर्मा शहीद के घर सांत्वना देने पहुंचे।