बदलेगा यूपी के एक और शहर का नाम, जिसका नाम लेने से बिगड़ जाता है CM योगी के मुंह का स्वाद

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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के तहत प्रचार अभियान जोरों पर है. चुनाव प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का एक बयान अब चर्चाओं में है. इस बयान में सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी के एक और शहर का नाम बदलने का संकेत दिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में कहा है कि शहर का नाम ऐसा है कि बार-बार बोलने में भी सोचना पड़ता है. इसका नाम लेने में मुंह का स्वाद खराब हो जाता है. निश्चिंत रहें, समय पर ये बदल जाएंगी.

बता दें कि इस बार के लोकसभा चुनाव में सीएम योगी के ऐसे कई बयान हैं जो शुरू से ही चर्चाओं में बने रहे हैं. सीएम योगी ने कुछ दिन पहले ऐसे ही एक बयान में कांग्रेस के “प्रस्ताव” की तुलना औरंगजेब शासन के दौरान हिंदुओं पर लगाए गए जजिया कर से की थी. उन्होंने कांग्रेस (Congress) पर गोहत्या को प्रोत्साहित करने का भी आरोप लगाया था. सीएम योगी ने यह टिप्पणी फिरोजाबाद में एक चुनावी रैली में की थी. इसके साथ ही उन्होंने मैनपुरी में रोड शो भी किया था. सीएम योगी बीजेपी उम्मीदवार राजवीर सिंह के समर्थन में फिरोजाबाद में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों को उनकी पसंद के हिसाब से खाने की आजादी देने का सुझाव दिया गया है.

लखनऊ में जारी एक प्रेस नोट में उनके हवाले से कहा गया था कि ज्यादातर भारतीय कहते हैं कि हम गोमांस नहीं खाते, लेकिन कुछ लोग जानबूझकर उन्हें परेशान करने के लिए गोहत्या को प्रोत्साहित करते हैं. सीएम योगी ने कहा था कि कांग्रेस-सपा गठबंधन का एक वर्जन सामने आया है, जिसमें विरासत कर (Inheritance Tax) लगाने का प्रस्ताव है. सीएम योगी ने इस “प्रस्ताव” की तुलना औरंगजेब के हिंदुओं पर जजिया कर लगाने से करने का आरोप लगाया.

विरासत कर पर विवाद तब शुरू हुआ जब इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने संपत्ति के पुनर्वितरण के मुद्दे पर बात करते हुए अमेरिका में विरासत कर लगाए जाने के बारे में बात की थी. हालांकि, कांग्रेस ने उनकी इस टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया. वहीं एटा में बीजेपी प्रत्याशी विश्वदीप सिंह के समर्थन में रैली के दौरान सीएम योगी ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया था, फिर भी कांग्रेस कथित तौर पर भारत का “इस्लामीकरण” करने के मकसद से तालिबान जैसा शासन लागू करना चाहती है.