मुजफ्फरनगर. मुजफ्फरनगर में साेमवार को राजस्थान की घटना पर कई संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। राजस्थान के जालौर में हुई कक्षा 3 के छात्र की निर्मम हत्या का मामला ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा।
इस घटना को लेकर दलित समाज से जुड़े सामाजिक संगठनों में उबाल है। दलित समाज के लोग राजस्थान सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं। सोमवार को राजस्थान की घटना पर कई संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। मांग की गई कि इस मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
मनुवाद और छुआछूत से आजादी के लगे नारे
राजस्थान के जालौर में कक्षा 3 के छात्र की मौत के बाद से देश भर में हंगामा है। आरोप है कि एक दलित छात्र की शिक्षक ने पानी के मटके को छूने की वजह से बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस मामले ने तूल पकड़ा और दलित सामाजिक संगठनों ने राजस्थान सरकार की नाकामी के रूप में देखा। उसी क्रम में सोमवार को कलक्ट्रेट में जालौर की घटना की निंदा करते हुए सफाई कर्मचारी संघ नगर पालिका, बीजेपी अनुसूचित मोर्चा और भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया। मनुवाद तथा छुआछूत से आजादी के नारे लगे। सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने मुजफ्फरनगर कचहरी परिसर स्थित डीएम कार्यालय पहुंचकर आक्रोश प्रकट किया। सभी संगठनों ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से भेजा। ज्ञापन में उन्होंने राजस्थान सरकार को अविलंब बर्खास्त करने की मांग की। इसके साथ ही आरोपी शिक्षक पर कठोरतम कार्यवाही करते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर 3 महीने में में सजा दिलाने की मांग की। दलित समाज से जुड़े संगठनों ने पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि व पीड़ित परिवार एक सदस्य को क्लास वन अधिकारी की नौकरी दिलाने की मांग की। दलित समाज के लोगों ने कहा कि भारत को आजाद हुए 75 वर्ष से अधिक हो चुके हैं। लेकिन भारत अभी भी जातियों से आजाद नहीं हुआ है। समाज के लोगों ने आरोपी शिक्षक को फांसी देने की मांग की है। बीजेपी अनुसूचित मोर्चा जिला अध्यक्ष राजकुमार सिद्धार्थ, कार्यकारी अध्यक्ष सफाई कर्मचारी संघ नगर पालिका परिषद जितेन्द्र मचल, तथा भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज के अमित अटवाल तथा अन्य लोग शामिल रहे।