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भोपाल; MP Pilot Project: मध्यप्रदेश के लिए अच्छी खबर है। भोपाल सहित 6 जिलों से गुजरने वाले हाईवे को मवेशी मुक्त करने की तैयारी है। पायलट प्रोजेक्ट शुरू होते ही भोपाल, सीहोर, देवास, रायसेन, विदिशा और राजगढ़ से होकर गुजरने वाले हाईवे मवेशियों से मुक्त हो जाएंगे। पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने से एक्सीडेंट पर रोक लगेगी। साथ ही बेसहारा गोवंश की भी जान बचेगा। किसान भी राहत की सांस लेंगे।
सड़क पर गाय मिली तो लगेगा जुर्माना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर पशुपालन मंत्री लखन पटेल पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे हैं। शुरुआत में छह जिलों में प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। इन जिलों के गांवों में यदि गाय सड़क पर मिली तो उसे पास की गोशाला में छोड़ा जाएगा। पशुपालक की निजी गाय मिलेगी तो उनको बिना पेनल्टी के नहीं छोडेंगे। एक बार वॉर्निंग देकर और अगली बार सड़क पर मिलेगी तो उसे जब्त किया जाएगा। गोशालाओं के चिन्हांकन का काम भी कराया जा रहा है।
गोवंश का होगा सर्वे
जानकारी के मुताबिक, इन छह जिलों के गांवों में गोवंश का सर्वे किया जाएगा। सर्वे में बेसहारा गोवंश के न केवल आंकड़े जुटाए जाएंगे। बल्कि, गोवंश के कान पर लगे टैग से उसके मालिक का पता लगाया जाएगा। 15 दिन में सर्वे शुरू हो जाएगा। इसके अलावा गोशालाओं का भी सर्वे कराया जाएगा। क्षेत्र के हिसाब से गोशालाओं की मैपिंग भी कराई जाएगी।
सर्वे में यह भी देखा जाएगा
सर्वे में यह भी देखा जाएगा कि कितने गोवंश लावारिस हालत में हैं और गोशाला की क्षमता कितनी है। गोशाला में कितने गोवंश अभी हैं। स्थानीय निकायों और जनप्रतिनिधियों की निगरानी में गोशालाओं का रूटीन निरीक्षण भी कराया जाएगा।
एक्सीडेंट पर लगेगी रोक
हाईवे पर बेसहारा जानवरों के बैठने से रात में सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। ऐसे में हाईवे पर संचालित टोल टैक्स बैरियर पर पशुपालन विभाग की हेल्पलाइन बनाई जाएगी। वाहन चालक या स्थानीय ग्रामीण सड़क पर बैठे वाहनों की सूचना लोकेशन सहित देंगे तो टोल बैरियर पर तैनात कर्मचारी गोवंश को लेकर गोशाला में छोडेंगे। ऐसा करने से एक्सीडेंट पर रोक लगेगी।
हाइड्रोलिक क्रेन और वैन रहेगी तैनात
सड़क पर बैठे जानवरों को हाईवे से गोशाला तक ले जाने के लिए हाइड्रोलिक क्रेन और वैन तैनात की जाएगी। इससे घायल और बीमार जानवरों को भी गोशालाओं पहुंचाया जाएगा। यह सेवा 24 घंटे संचालित रहेगी। इसके लिए नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के टोल टैक्स बैरियर के स्टाफ को भी ट्रेनिंग दी जाएगी।