PM मोदी ने की केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना, हिमाचली महिलाओं की बुनी हैंड मेड ड्रेस पहनकर निभाया वादा

PM Modi offered prayers at Kedarnath temple, kept his promise by wearing hand made clothes woven of Himachali women
PM Modi offered prayers at Kedarnath temple, kept his promise by wearing hand made clothes woven of Himachali women
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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) आज (21 अक्टूबर) उत्तराखंड का के दौरे पर हैं। मोदी ने सबसे पहले सुबह श्री केदारनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा की। प्रधानमंत्री केदारनाथ रोपवे परियोजना की आधारशिला रखेंगे। इसके बाद वह आदिगुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल के दर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री मंदाकिनी आस्था पथ और सरस्वती आस्था पथ के साथ-साथ वहां चल रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। पीएम मोदी ने बाबा केदार की पावन भूमि पर पहुंचने के शुभ अवसर पर हिमाचल प्रदेश की चंबा महिलाओं द्वारा बनाई गई हाथ की बनी ड्रेस पहनी। इस पोशाक को लोकप्रिय रूप से चोल डोरा कहा जाता है। यह ड्रेस प्रधानमंत्री को उनकी हाल की हिमाचल प्रदेश यात्रा के दौरान उपहार में दी गई थी और इस पर बहुत अच्छी हस्तकला है। चंबा की अपनी यात्रा के दौरान यह ड्रेस लेते हुए पीएम मोदी ने महिलाओं से वादा किया था कि वह अपनी किसी भी ठंडी जगह पर पहली बार में इसे पहनेंगे।

छठवीं बार केदारनाथ पहुंचे
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी छठवीं बार केदरनाथ पहुंचे। सबसे पहले वे 3 मई 2017 को आए थे। फिर 19 अक्टूबर 2017 को। तब उन्होंने कई निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया था। तीसरी बार 7 नवंबर 2018 को दिवाली के मौके पर पीएम मोदी केदारनाथ धाम दर्शन के लिए आए थे। चौथी बार 18 मई 2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार खत्म होने के अगले दिन केदारनाथ पहुंचे थे। इस दौरान मोदी ने गुफा में ध्यान किया था। पांचवीं बार 5 नवंबर 2021 में केदारनाथ में कई विकास परियोजनाओं की उद्घाटन और शिलान्यास करने मोदी आए थे।

जानिए केदारनाथ-बद्रीनाथ को क्या सौगातें मिलीं
रिवरफ्रंट के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा। माणा गांव में सड़क और रोपवे परियोजनाओं का शिलान्यास। अराइवल यानी आगमन प्लाजा और झीलों के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा। बता दें कि केदारनाथ रोपवे लगभग 9.7 किलोमीटर लंबा होगा। यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 6-7 घंटे से कम होकर लगभग 30 मिनट का रह जाएगा।

हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा। यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट तक सीमित कर देगा। यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है। इस रोपवे को लगभग 2430 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया जाएगा। यह परिवहन का एक पर्यावरण अनुकूल साधन होगा, जो आवागमन को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगा। इस अहम बुनियादी ढांचे का विकास धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी और साथ ही साथ रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।

ये प्रोजेक्ट्स भी होंगे लॉन्च
करीब 1000 करोड़ रुपये की सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का शिलान्यास। दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं-माणा से माणा पास (एनएच – 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच107बी) तक-हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों में हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करने की दिशा में एक और कदम साबित होंगी। कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के अलावा, ये परियोजनाएं रणनीतिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होंगी। केदारनाथ और बद्रीनाथ सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों में से एक हैं। यह क्षेत्र एक श्रद्धा वाले एक सिख तीर्थ स्थल – हेमकुंड साहिब के लिए भी जाना जाता है। इन जगहों पर शुरू हो रही कनेक्टिविटी परियोजनाओं में से धार्मिक महत्व के स्थानों तक पहुंच को आसान बनाने और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्रधानमंत्री के कमिटमेंट को दिखाती है।