राजस्थान: महिला ने की दूसरी शादी तो पंचायत ने लगाया 1100000 का जुर्माना

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बाड़मेर। भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे सरहदी बाड़मेर जिले में एक बार जातीय पंचों ने तुगलकी फरमान सुनाया है। एक परिवार का हुक्का पानी बंद कर उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया है। पीड़ित परिवार पर 11 लाख रुपये जुर्माना भरने का भी फरमान सुनाया गया है। अब पीड़ित परिवार न्याय के लिए बाड़मेर पुलिस के चक्कर लगा रहा है। पीड़ित परिवार ने 35 नामजद सहित अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।

देश-दुनिया में समय भले ही 21वीं सदी का हो, लेकिन राजस्थान के गांवों में आज भी पंचों की तानाशाही जारी है। करीब एक माह पूर्व जातीय पंचों ने बाड़मेर में फिर अपने एक तुगलकी फरमान से अपनी बात रख ही ली है। यहां तथाकथित जातीय पंचों ने दूसरी शादी करने के चलते एक परिवार का हुक्का—पानी बंद कर दिया है।

बाड़मेर जिले के सेड़वा थाना क्षेत्र के भंवार गांव निवासी एक परिवार को दूसरी शादी करना उस वक्त महंगा पड़ गया जब तथाकथित जातीय पंचों ने उसे 11 लाख का आर्थिक दण्ड भरने का फैसला सुनाया है। जानकारी के मुताबिक भंवार निवासी समजू ने मामला दर्ज करवाया।

पुलिस मुकदमे के अनुसार साल 2020 में समजू की शादी वेरशीराम से हुई है। इसकी पहले शादी श्रवण कुमार से हुई थी। जिसने अपनी ही बेटी के साथ बलात्कार करने के आरोप में वह जेल में है। उसके जेल जाने के बाद उसने पहले पति से तलाक लेकर दूसरी शादी की। लेकिन यह शादी उसके पीहर पक्ष को नागवार गुजरी। इसकी शादी के बाद 35 जातीय पंचों ने तिलोका राम की अगुवाई में तुगलकी फरमान सुनाते हुए 11 लाख का अर्थदंड भरने का आदेश दिया।

पीड़िता और उसके पति ने जब यह पैसे भरने की असक्षमता जताने पर समाज से बाहर कर दिया गया है। दर-दर की ठोकरें खाने के बाद पीड़िता अपने परिवार के साथ सेड़वा थाने पहुचीं। और मामला दर्ज करवाया है। सेड़वा पुलिस थाना में धारा 384 के तहत मामला दर्ज कर जांच तो शुरू की, लेकिन कोई कार्यवाई अभी तक नहीं हुई है। जिस पर पीड़िता बाड़मेर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देने पहुंचीं। पीड़िता समजू और वैरशीराम के मुताबिक समाज से बहिष्कृत कर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। गरीब परिवार होने से 11 लाख रुपये भरने में असमर्थता जताने पर समाज से बहिष्कृत कर हुक्का पानी बन्द कर दिया है।