सुबह-सुबह: फिर से लगने जा रहा संपूर्ण लॉकडाउन! जानिए क्या-क्या रहेगी पाबंदी

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नई दिल्ली। जानलेवा और जहरीले वायु प्रदूषण ने दिल्ली (Delhi) के लोगों को मुश्किल में डाल दिया है. यहां सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. सांस के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है. लोग घरों के अंदर भी मास्क लगाने को मजबूर है. धुंध की चादर ने दिल्ली को हर समय एक धुंध की चादर ने ढंक रखा है.

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने प्रदूषण को लेकर सख्ती बरती है. और केंद्र के साथ ही केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal) से सख्त सवाल किये. इसे लेकर केजरीवाल सरकार और केंद्र ने जवाब भी दाखिल किये हैं. न सिर्फ जवाब दाखिल किया, बल्कि दिल्ली सरकार ने कहा है कि वह दिल्ली में लॉकडाउन (Delhi Main Lagega Lockdown) लगाने को तैयार है, लेकिन सिर्फ दिल्ली में लॉकडाउन लगाने से नतीजे नहीं निकलेंगे, बल्कि पूरे दिल्ली एनसीआर में लॉकडाउन (Lockdown in Delhi-NCR) लगना चाहिए.

अभी अगर दिल्ली में लॉकडाउन लगा तो क्या-क्या पाबंदी होंगी
– सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए कई कदम उठाये हैं.
– दिल्ली सरकार ने एक हफ्ते के लिए स्कूल बंद किए हैं. ऑनलाइन ही क्लास चलेंगी.
– इसके साथ ही 14-17 नवंबर तक कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी (निर्माण कार्य) को बंद किया गया है.
– इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने अगले कुछ दिनों के लिए सरकारी दफ्तर बंद कर वर्क फ्रॉम कर दिया है.
– प्राइवेट कंपनियों के लिए भी कहा गया है कि प्राइवेट कंपनियां भी ज्यादा से ज्यादा लोगों से वर्क फ्रॉम होम ही कराएं. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से ये बात कही है.
– दिल्ली में लॉकडाउन जैसे हालात करने को कहा गया है.
– दिल्ली सरकार वाहनों के लिए ऑड-इवन का फ़ॉर्मूला भी लागू कर सकती है. वाहनों से प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार चरणबद्ध तरीके से वाहनों पर प्रतिबंध लगा सकती है, ताकि प्रदूषण को कुछ कम किया जा सके.
– यदि संपूर्ण लॉकडाउन भी होता है तब भी सभी ज़रूरी चीज़ों की दुकानें खुली रहेंगी.
– सेहत और प्रदूषण का हाल देखते हुए कई बाजारों और दुकानों को कुछ समय के लिए बंद करने को कहा जा सकता है.
– जिन वाहनों के पास प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं है, उन पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई की तैयारी है.
– कुछ दिन के लिए उद्योगों को भी बंद किया जा सकता है, खासकर उन उद्योगों को जिनसे अधिक धुआं, प्रदूषण होता है.

हवा की गुणवत्ता के ये हैं मानक
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की गुणवत्ता (AQI) 500 से ऊपर चली गई है. हवा बेहद प्रदूषित हो गई है. जबकि इसे सिर्फ 50 होना चाहिए, तब ये बेहतर माना जाता है. जबकि दिल्ली में इससे कई गुना ज्यादा है. 51 और 100 के बीच एक्यूआई को ‘संतोषजनक’ श्रीणी में माना जाता है. एक्यूआई जब 101 और 200 के बीच रहता है तब प्रदूषण को ‘मध्यम’ श्रेणी में, 200-300 के बीच इसे खराब माना जाता है. 301 और 400 के बीच हवा को ‘बेहद खराब’ माना जाता है, जबकि 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. इतना अधिक प्रदूषण हवा को ज़हरीला बना देता है और गंभीर शारीरिक दिक्कतें हो सकती हैं.

दिल्ली में सांस के मरीज बढ़े
दिल्ली में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. दिल्ली के अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी है. खासकर बच्चों और बुजुर्गों ने प्रदूषण ने काफी प्रभावित किया है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के लिए सिर्फ पराली जलाए जाने को जिम्मेदार नहीं माना है, बल्कि पटाखों, और वाहनों के प्रदूषण के साथ ही अन्य कामों को इसके लिए जिम्मेदार बताया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आगे के लिए प्रदूषण कैसे रोका जाये, लेकिन फिलहाल सख्त कदम उठाने की ज़रूरत है.