Reserve Bank of India: रिजर्व बैंक (RBI) की 6 दिसंबर से शुरू हुई तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) का आज आखिरी दिन है. आज एमपीसी में लिए गए फैसले की घोषणा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की तरफ से की जाएगी. एक सर्वे में कहा गया कि बढ़ती महंगाई अभी भी सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है. ऐसे में आरबीआई फिर से नीतिगत दर रेपो रेट को 6.5 परसेंट पर ही कायम रख सकता है. अगर ऐसा होता है तो यह लगातार पांचवा मौका होगा जब एमपीसी के दौरान रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला किया जाएगा.
नवंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़ने की आशंका
रॉयटर्स की तरफ से कराए गए सर्वे में 41 इकोनॉमिस्ट ने नवंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़ने की आशंका जताई है. दअसल, पिछले दिनों प्याज और टमाटर की बढ़ती कीमत ने महंगाई को लेकर सरकार की चिंता बढ़ा दी है. इकोनॉमिस्ट ने अनुमान जताया है कि इस बार महंगाई दर बढ़कर 5.70 परसेंट तक पहुंच सकती है. इससे पहले अक्टूबर में यह गिरकर 4.87 प्रतिशत पर आ गई थी. महंगाई का असर दिसंबर के मौजूदा महीने में भी देखने को मिल सकता है.
रेपो रेट में किसी प्रकार का बदलाव नहीं होने की उम्मीद
इसके अलावा 9 फाइनेंशियल एक्सपर्ट ने आरबीआई की तरफ से इस बार भी रेपो रेट में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किये जाने की उम्मीद जताई है. इससे पहले लगातार चार बार से केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दर में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया है. आरबीआई ने इस साल फरवरी में आखिरी बार रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था. रिजर्व बैंक ने मई 2022 से रेपो रेट बढ़ाने का सिलसिला शुरू किया था. मई से लेकर फरवरी 2023 तक रेपो रेट में 2.5 प्रतिशत का इजाफा किया गया.
क्या होता है रेपो रेट?
जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर कर्ज मिलेगा. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि की ब्याज दर बढ़ जाएगी, जिससे आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा.