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देहरादून: उत्तराखंड में पुलिस विभाग के नये मुखिया के लिए डीपीसी के प्रक्रिया शुरू हो गयी है। हालांकि अभी इस प्रक्रिया को पूरा होने में काफी समय लग सकता है। अभी तक आईपीएस अभिनव कुमार प्रभारी पुलिस महानिदेशक के रूप में पद पर तैनात हैं। अब नये डीजीपी की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। उत्तराखंड से सात आईपीएस अधिकारियों का नाम पैनल में भेजा गया है, जबकि उत्तराखंड कैडर के जो अधिकारी उत्तर प्रदेश में तैनात हैं, उनके नाम भी लिस्ट में शामिल हैं। उत्तराखंड का अगला डीजीपी कौन होगा यह सवाल पूर्व डीजीपी अशोक कुमार की सेवानिवृत्ति के बाद से उठ रहा है।
1996 बैच के अभिनव कुमार को प्रभारी महानिदेशक बनाया गया था। ये अभी भी कार्यभार देख रहे हैंस लेकिन स्थाई मुखिया की जरूरत को देखते हुए प्रदेश सरकार डीसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। केंद्र सरकार के निर्देश पर गृह विभाग ने पुलिस महानिदेशक पद के पात्र सभी आईपीएस अधिकारियों की विस्तृत जानकारी केंद्र को भेज दी है। इन नामों में उत्तर प्रदेश में तैनात आईपीएस अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। विदित हो कि उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक पद से अशोक कुमार के रिटायर होने से पहले ही सरकार ने डीजीपी पद पर पदोन्नति के लिए अधिकारियों की तलाश शुरू कर दी थी। डीजीपी पद के लिए आईपीएस अधिकारियों की सेवा 30 वर्ष होनी अनिवार्य थी, लेकिन संघ लोक सेवा आयोग ने इसमें बदलाव कर आईपीएस अधिकारी के रूप में 25 वर्ष की सेवा देने वाले अधिकारियों को डीजीपी पद के लिए पात्र माना है।
डेपुटेशन वाले अधिकारियों पर चर्चा
25 वर्ष की सेवा अवधि पूरी करने वाले आईपीएस अधिकारियों में दीपम सेठ (1995 बैच), डॉ. पीवीके प्रसाद (1995 बैच), अभिनव कुमार (1996 बैच), अमित कुमार सिन्हा (1997 बैच), वी मुरुगेशन (1997 बैच), संजय कुमार गुंज्याल (1997 बैच) और एपी अंशुमान (1998 बैच) का नाम भेजा गया। इसी दौरान तत्कालीन पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कार्यकाल पूरा हो गया। इसके बाद 1 नवंबर 2023 को 1996 बैच के आईपीएस अभिनव कुमार को प्रभारी पुलिस महानिदेशक का पदभार सौंपा गया था और वर्तमान में वे इस पद को संभाल रहे हैं। प्रदेश सरकार ने केंद्र और संघ लोक सेवा आयोग को दिसंबर 2023 में डीपीसी के लिए आईपीएस अधिकारों के नाम का पैनल भेजा गया था। आयोग ने अब इस पर कुछ और जानकारी प्रदेश सरकार से मांगी है। इनमें डेपुटेशन पर रहने वाले अधिकारियों के संबंध में और आईपीएस अधिकारियों की सेवा शर्तों के विषय में भी जानकारी मांगी गई है।
7 आईपीएस के नाम
बताया जा रहा है कि सात आईपीएस अधिकारियों के नाम पैनल में भेजे गए थे। अब संघ लोक सेवा आयोग डीपीसी के लिए समय देगा। इसके बाद तीन नाम का पैनल आयोग प्रदेश सरकार को भेजेगा। इन तीन नामों में से सरकार को एक अधिकारी का चयन पुलिस महानिदेशक के रूप में करना होगा। माना जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में काफी समय लगने वाला है। हालांकि यह बात भी उठ रही है कि वर्तमान में प्रभारी महानिदेशक अभिनव कुमार को ही स्थाई डीजीपी के रूप में लाया जा सकता है। क्योंकि अभिनव कुमार सीएम पुष्कर सिंह धामी के विश्वसनीय माने जाते हैं। तेज तर्रार आईपीएस अधिकारियों में शुमार अभिनव कुमार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कोर टीम का भी सदस्य माना जाता है। वे सीएम धामी के विशेष अपर मुख्य सचिव के पद पर भी कामकाज देख चुके हैं और पूर्व डीजीपी के रिटायर होने के बाद से वे ही मुखिया के तौर पर काम संभाल रहे हैं।